
BREAKING : रांची रेल मंडल के कई स्टेशनों पर निषेधाज्ञा लागू, चक्रधरपुर रेल मंडल के 11 स्टेशन हाई अलर्ट पर
सित. 19
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : तीन राज्यों के कुड़मी समाज ने अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर 20 सितम्बर, 2025 से रेल परिचालन बाधित करने एवं रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है. जिसको लेकर तीन राज्यों की पुलिस और रेलवे सतर्क और हाई अलर्ट मोड में है. किसी भी तरह के अवैध गतिविधि अथवा हिंसक व्यवहार करने वाले आंदोलनकारियों और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की करने की घोषणा की है. रांची रेल मंडल के कई रेलवे स्टेशनों पर जिला पुलिस ने निषेधाज्ञा लागू कर दिया है. दूसरी तरफ रेल रोको जाने से रेल यात्रियों को होने वाली परेशानी को देखते हुए कोलकता हाई कोर्ट ने भी सख्त निर्देश जारी किया है.

मुरी, सिल्ली, खलारी,टाटी सिल्वे स्टेशन में निषेधाज्ञा लागू
रेलवे स्टेशनों पर विधि व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था भंग होने की आशंका को देखते हुए अनुमंडल दंडाधिकारी, सदर, राँची द्वारा बीएनएसएस की धारा-163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुरी, सिल्ली, खलारी एवं टाटी सिल्वे रेलवे स्टेशन परिसर के 300 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा जारी की गई है. रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा है कि कानून-व्यवस्था एवं शांति बनाए रखना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है.जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आवश्यक सभी कदम उठाए जा रहे हैं। रेलवे, परिवहन विभाग एवं पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.

च क्रधरपुर रेल मंडल ने की यात्री सुरक्षा और ट्रेन संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था
चक्रधरपुर रेल मंडल 20 सितम्बर को प्रस्तावित कुड़मी समाज के रेल चक्का जाम को लेकर हाई अलर्ट पर है. मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। आरपीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त निगरानी में आंदोलन से निपटने की तैयारी की गई है.

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि कुड़मी समाज की मांग रेलवे से जुड़ी नहीं है, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के अधीन है. ऐसे में रेलवे को बाधित कर यात्रियों को परेशान करना उचित नहीं है. डीसीएम ने कहा कि रेल जाम से यात्रियों को भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधा जैसी बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जो अमानवीय होगा.
रेल प्रशासन ने झारखंड पुलिस के साथ बैठक कर सुरक्षा योजना तैयार की है. 11 संवेदनशील स्टेशनों बिसरा, भालुलता, जराइकेला, मनोहरपुर, सोनुआ, सिनी, बीरराजपुर, गम्हरिया और कांड्रा सहित अन्य स्टेशनों पर सुरक्षा बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है.
आंदोलनकारियों पर रेलवे एक्ट के तहत होगी कार्रवाई सीनियर डीएससी पी शंकर कुट्टी ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील के बावजूद यदि रेल चक्का जाम होता है तो आंदोलनकारियों पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. उन्हें जेल जाना पड़ सकता है और नुकसान की भरपाई भी करनी होगी. उन्होंने साफ कहा कि जरूरत पड़ने पर बल प्रयोग भी किया जाएगा. रेलवे ने दोहराया है कि आंदोलनकारी अपनी मांग सरकार से रखें, न कि यात्रियों को असुविधा देकर.
नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो
कोलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि आंदोलन के दौरान किसी भी प्रकार से कानून-व्यवस्था की स्थिति भंग नहीं होनी चाहिए तथा नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए. न्यायालय ने कहा है कि प्रस्तावित रेल एवं सड़क अवरोध किसी भी स्थिति में चिकित्सा एवं आपातकालीन सेवाओं, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं जन-साधारण के सामान्य जीवन को बाधित नहीं करना चाहिए.
कुड़मी समाज ने दिया भरोसा
आंदोलन के संबंध में आदिवासी कुड़मी समाज ने भी न्यायालय एवं प्रशासन को आश्वस्त किया है कि उनका कार्यक्रम शांतिपूर्ण होगा तथा इससे अर्थ व्यवस्था, परिवहन एवं आवश्यक सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. समाज द्वारा लिखित रूप से यह भी आश्वासन दिया गया है कि आंदोलन के दौरान किसी भी निर्दोष नागरिक को क्षति नहीं होगी और प्रशासन के साथ पूर्ण सहयोग किया जाएगा.











