
अब राज्य के युवा भी बनेंगे पायलट, दुमका में झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का सीएम ने किया उद्घाटन,पढ़िए पूरी खबर
नव. 24
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर झारखंड विकास के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है. संथाल परगना से खींची गई विकास की लकीर अब राजधानी रांची तक फैलेगी. यह सिर्फ भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है. आने वाले समय में यह फ्लाइंग इंस्टीट्यूट राज्य के युवाओं के सपनों को साकार करने के साथ-साथ झारखंड को विमानन प्रशिक्षण के क्षेत्र में देशभर में एक विशिष्ट पहचान दिलाएगा. वर्ष 2008 में जिसकी आधारशिला रखी गई थी, उस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट ने आज अपने सपनों के पंख खोल दिए हैं. यह सिर्फ एक संस्थान नहीं बल्कि बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. उक्त बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज सिदो–कान्हू एयरपोर्ट, दुमका से "झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट" के उद्घाटन समारोह में कहीं.

पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण का मिलेगा मौका
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस फ्लाइंग इंस्टीट्यूट के माध्यम से पहले चरण में 30 पायलटों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इनमें से 15 पायलटों के प्रशिक्षण का पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन करेगी. इससे झारखंड के युवाओं को न केवल उच्चस्तरीय विमानन प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए हवाई जहाज से हजारों प्रवासी श्रमिकों को उनके घर सुरक्षित वापस लाया था. आज, उन्हीं श्रमिक परिवारों के बेटों और बेटियों में से पायलट और विमान इंजीनियर तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है. यह बदलाव की वह कहानी है जो झारखंड की नई उड़ान का संकेत दे रही है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण से जुड़ी हर बारीकी को गहराई से समझा. उन्होंने स्वयं प्रशिक्षुओं और कैप्टन के साथ मिलकर विमानन प्रशिक्षण की तकनीकों, उपकरणों और ट्रेनिंग के हर पहलू का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान विमानन सुरक्षा, पायलटों को दी जाने वाली कड़ी थ्योरी कक्षाओं, सिम्युलेटर ट्रेनिंग, फ्लाइट ऑपरेशंस और आपात स्थिति प्रबंधन की विधियों को भी देखा.











