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कर्नाटक में बगावत के संकेत , एकनाथ शिंदे की राह पर डीके शिवकुमार ! क्या है सीएम डील का सीक्रेट

2 दिन पहले

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रांची डेस्क

 

रांची ( RANCHI) : महाराष्ट्र में जिस तरह मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे से बगावत कर एकनाथ शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए थे. कुछ वैसा ही कर्नाटक में देखने को मिल सकता है, इसका संकेत मिलना शुरू हो गया है. कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी और सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और अंदर ही अंदर बगावत के स्वर फूटने शुरू हो गए हैं.

 ढ़ाई-ढ़ाई साल के सीएम का डील

कर्नाटक में अभी सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं और डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री. सिद्धारमैया सरकार के ढ़ाई साल पूरे होने में बस कुछ ही दिन बाकि है. ऐसे में सरकार और पार्टी दोनों जगह हलचल तेज हो गई है. दरअसल, कांग्रेस में सरकार बनाने के दौरान क डील हुई थी, जिसमें कहा गया था, पहले ढ़ाई साल सिद्धारमैया मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद बचे ढ़ाई साल तक डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री रहेंगे. लेकिन अभी जो खबरें आ रही है कि सिद्धारमैया कुर्सी छोड़ने को तैयार ही नहीं है. जबकि डीके शिवकुमार वादे के अनुसार सीएम की कुर्सी पर बैठने के लिए हर हाल में मन बना चुके हैं. जब सिद्धारमैया कुर्सी खाली ही नहीं करेंगे, तो डीके सीएम कैसे बनेंगे ?

 


महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी बन सकता है समीकरण

 उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो कर्नाटक में बगावत होने की संभावना हर कोई जता रहा है. इसलिए डीके शिवकुमार को लेकर राज्य में काफी चर्चा की जा रही है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डीके सीएम नहीं बनें वे महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की तरह भाजपा के सहयोग से सरकार बना सकते हैं. कुछ दिनों से डीके और भाजपा के बीच नजदीकियां की खबरें तेजी से सामने आ है.

 विधानसभा में आरएसएस की प्रार्थना गा कर सबकों चौंकाया

 बीते दिनों कर्नाटक विधानसभा के अंदर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आरएसएस की प्रार्थना नमस्ते सदा वत्सले... गाया. जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. आरएसएस भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक है. उसके बाद से कांग्रेस के भीरत ही उनकी आलोचना शुरू हो गई. विवाद बढ़ने पर डीके शिवकुमार ने अपने सफाई में कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उनकी कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग इस घटना का 'दुरुपयोग' करने और भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई और कहा कि उनका रिश्ता भगवान और भक्त जैसा है. वह एक कांग्रेसी हैं और मरते दम तक कांग्रेसी ही रहेंगे.

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