
सूर्या एनकाउंटर : पुलिस बता रही अपराधी, तो भाजपा क्यों कह रही समाजसेवी व राजनीतिक कार्यकर्ता ? जानिए भाजपा का तर्क
अग. 17
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रांची डेस्क
रांची ( RANCHI) : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार प्रदेश भाजपा द्वारा सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच हेतु गठित सात सदस्यीय समिति ने रविवार को गोड्डा का दौरा किया. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी,प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही,पूर्व मंत्री रणधीर सिंह,पूर्व सांसद सुनील सोरेन,पूर्व विधायक अमित मंडल और अनिता सोरेन उपस्थित रहे. इस अवसर पर भाजपा नेता लॉबिन हेंब्रम भी साथ थे.
समिति ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों से मुलाकात की. समिति ने उस विद्यालय का भी दौरा किया, जो स्व सूर्या हांसदा के द्वारा चलाया जा रहा था. बच्चों से भी समिति के सदस्यों ने जानकारी प्राप्त की.

साजिश के तहत हत्या, रिटायर्ड जज से कराएं जांच – अर्जुन
मीडिया से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार एवं राज्य की पुलिस पर निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए. पूर्व सीएम ने कहा कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला एक साजिश के तहत हत्या है और यह राज्य का सवाल है. श्री मुंडा ने कहा कि सरकार के इशारे पर पोस्टमार्टम में भी गड़बड़ी की गई है. पूछने पर स्थानीय लोगों ने स्पष्ट कहा कि प्रशासन लीपापोती करने में जुट गया है.

निष्पक्ष जांच नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी
श्री मुंडा ने राज्य सरकार से मांग किया कि जनता और स्व सूर्या हांसदा के परिवार को राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है. इसलिए राज्य सरकार पहले दोबारा पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार करे और फिर हाइकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर घटना की निष्पक्ष जांच कराना सुनिश्चित करे. श्री मुंडा ने स्व सूर्या हांसदा के परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की.
उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार खुद को आदिवासी समाज की हितैषी मानती है,पारंपरिक व्यवस्था की हिमायती मानती है तो फिर स्पष्टीकरण दे. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार इसपर पुनर्विचार नहीं करती है तो भाजपा आने वाले दिनों में न्याय दिलाने केलिए बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगी.
सूर्या अपराधी नहीं, समाजसेवी व राजनीतिक कार्यकर्ता था – भाजपा
श्री मुंडा ने कहा कि स्व सूर्या हांसदा का परिवार ललमटिया क्षेत्र के पारंपरिक मांझी परिवार से आते थे. यह परिवार परंपरागत स्वशासन व्यवस्था का प्रधान है. अब उनकी माता इस दायित्व को निभा रही. स्व सूर्या हांसदा राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे और लोकतांत्रिक तरीके से उन्होंने चुनाव भी लड़े थे. उन्होंने कहा कि 14 मुकदमों में सूर्या को बरी किया गया था. लेकिन इनके खिलाफ साजिश करने वाले रुके नहीं. कई घटनाओं में इनका नाम जानबूझकर साजिश के तहत जोड़ा जाता रहा है. फर्जी केस दर्ज कर पुलिस उनको ढूंढने लगी और बिना कोर्ट वारंट के गिरफ्तार करते हुए साजिश के तहत उन्हें मार दिया गया. पुलिस का बयान और आम जनता के विचार में पूरी तरह विरोधाभास है.पुलिस जिसे अपराधी बता रही उनका चरित्र समाज सेवा का रहा है.