
पेसा कानून लागू और नगर निकाय चुनाव को लेकर पूर्व सीएम रघुवर दास ने राज्य सरकार को क्यों घेरा ?
सित. 10
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में सीएम हेमंत सरकार पर पेसा कानून को लेकर बड़ा आरोप लगाया. श्री दास ने कहा कि भारत का संविधान आदिवासी ,दलित,वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है. लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस झामुमो की सरकार आज राज्य के आदिवासियों ,पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है.
भाजपा की सरकार ने राज्य में पेस ा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल किए थे. प्रक्रिया आगे बढ़ी. भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त मंतव्य विधि विभाग में भेजा. आगे महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया, लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण अब यह सरकार इसे लटका भटका रही है. प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता रामाकांत महतो उपस्थित रहे.
अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्राम सभा को पेसा कानून से कई अधिकार
पूर्व सीएम ने कहा कि पेसा कानून अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्राम सभा को लघु खनिज,बालू,पत्थर के उत्खन,नीलामी,तालाबों में मछली पालन, केंदू पत्ता,आदि के प्रबंधन का अधिकार देती है. यही कारण है कि हाइकोर्ट ने भी इसी भावना के मद्दे नजर बालू घाट नीलामी पर निर्देश दिए हैं. उन्होंने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इस रोक को तब तक जारी रखने का आग्रह किया जबतक राज्य में पेसा कानून लागू नहीं हो जाए. उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली लागू नहीं करने के पीछे सरकार का अपना निहित स्वार्थ है.हेमंत सरकार चाहती है कि राज्य के खनिज संसाधनों,बालू,पत्थर को बिचौलिए दलाल लूटते रहे और मुख्यमंत्री की तिजोरी भरते रहें.
राज्य सरकार आदिवासियों को उनका अधिकार नहीं देना चाहती
भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय की अवमानना करते हुए बालू से 2000 करोड़ के राजस्व की आय का लक्ष्य निर्धारित कर विज्ञापन निकाला है. इस प्रकार देखा जाए तो पिछले 6 वर्षों में राज्य को हजारों करोड़ की लूट का साक्षी बनाया गया है.उन्होंने इस लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग की. श्री दास ने कहा कि कांग्रेस झामुमो की सरकार आदिवासी समाज को अधिकार नहीं देना चाहती इस सरकार ने अनुसूचित जाति,जनजाति आयोग का भी गठन नहीं किया.
नगर निकाय चुनाव भी नहीं कराना चाहती राज्य सरकार
राज्य में लंबित नगर निकाय चुनाव पर बोलते हुए श्री दास ने कहा कि हेमंत सरकार न गांव का विकास चाहती है और न शहरों का. नगर निकाय चुनाव नहीं कराकर सरकार प्रतिवर्ष 1800 करोड़ के केंद्रीय अनुदान से झारखंड को वंचित रख रही है. जबकि पेसा नहीं लागू होने के कारण 1400 करोड़ की क्षति हो रही. उन्होंने कहा कि यह सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कराकर पिछड़ों को उनके अधिकार से वंचित रखना चाहती है.पहले भी राज्य के विभिन्न जिलों की नौकरी रोस्टर में पिछड़ों का आरक्षण नहीं है. इसपर भी राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी है. उन्होंने कह ा कि चाहे पेसा नियमावली हो या नगर निकाय चुनाव यह सरकार दोनों काम नहीं होने देना चाहती.
विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में सरकार
उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिचौलिए , दलाल के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में काम कर रही है. यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है. इस सरकार को दलाल, बिचौलियों का सिंडिकेट चला रहा है,जो मुख्यमंत्री का तिजोरी भर रहा है. यदि राज्य का आदिवासी, पिछड़ा,दलित सड़क पर उतर जायेगा तो राज्य सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की।











