
महिला या ओबीसी, किसके नाम पर मुहर लगाएंगे मोदी-भागवत, जानिए कौन होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष ?
16 घंटे पहले
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" भाजपा एक तीर से कई निशाना भी साध सकती है, दक्षिण और महिला कोटे को एक साथ भरने के लिए निर्मला सीतारमण या डी पुरंदेश्वरी का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए आगे कर सकती है. पीएम मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं और ये दोनों महिला ब्राह्मण समाज से आती हैं. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद किसी सवर्ण जाति को दिया जा सकता है, जैसा अभी है. लेकिन अंतिम फैसला मोदी और भागवत की होगी, इसलिए सबकी नजरें इन्हीं दोनों पर टिकी है. "
उपेंद्र गुप्ता
रांची ( RANCHI ) : 21 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि सत्र शुरू होने से पहले या सत्र के दौरान भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है. इसके लिए जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. दो दिवसीय चुनाव कार्यक्रम में सर्वसम्मति से चुनाव होने की परंपरा है तो फिर एक ही नामांकन होगा. पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 50% राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुनने के बाद ही होता है. फिलहाल भाजपा की 37 मान्यता प्राप्त स्टेट यूनिट हैं. इनमें से 26 राज्यों में अध्यक्ष चुने जा चुके हैं. भाजपा ने जुलाई के शुरुआत 2 दिन में 9 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुने. इसके बाद से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है.
एक साल से एक्सटेंशन पर हैं नड्डा
भाजपा सूत्रों के अनुसार मीडिया भले ही दो साल से तमाम नामों पर अटकलें लगा रहा हो, लेकिन सच तो ये है कि अभी तक कोई भी नाम तय नहीं ह ै. संभावित नामों पर चर्चा जरूर हुई है, लेकिन अभी तीन नामों का पैनल भी तय नहीं हुआ है. बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 को खत्म हो चुका है. वह एक्सटेंशन पर हैं. वहीं, वह केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं, इस वजह से भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए तीन मुख्य बातों-संगठनात्मक अनुभव, क्षेत्रीय संतुलन, जातीय समीकरण को ध्यान में रख रही हैं. जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक केंद्रीय चुनाव समिति का गठन हो सकता है. यदि चुनाव की जरूरत पड़ती है तो यह समिति नामांकन, जांच और मतदान की प्रक्रिया पूरी करेगी.
संघ और भाजपा के बीच मंथन जारी
सूत्रों के मुताबिक संघ और भाजपा के बीच अभी तय नहीं हो पाया है कि अध्यक्ष किस वर्ग और देश के किस हिस्से का होगा. संघ और भाजपा के बीच इस बार दक्षिण और उत्तर दोनों क्षेत्र के चेहरे पर चर्चा हुई है, महिला, ओबीसी और युवा चेहरे पर मंथन हुआ है, लेकिन आम राय नहीं बन पा रही है. इस वक्त संगठन महामंत्री, युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और महिला मोर्चा चारों पदों पर दक्षिण भारत के चेहरे हैं. देश में इस समय सबसे अधिक महिला,युवा और ओबीसी पर हर राजनीतिक दलों का फोकस है, ऐसे में संघ और भाजपा महिला और ओबीसी पर दांव खेलना चाहती है, लेकिन दोनों में जो हो युवा होना च ाहिए और संगठन और जनता के बीच अच्छी पकड़ होने वाला है. साथ ही संघ पृष्ठभूमि का हो.
चार ओबीसी चेहरे प्रमुख दावेदारों में शामिल
भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चार ओबीसी नामों पर खूब चर्चा है, इनमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं. चारों मोदी सरकार में मंत्री हैं और पीएम मोदी के साथ-साथ संघ के साथ अच्छे रिश्ते हैं. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी दावेदारों में लिया जा रहा है.

तीन महिलाओं का नाम भी अध्यक्ष पद के दौड़ में
भाजपा और संघ के बीच किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर भी महिला को अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी देती है तो यह पहली बार होगा जब कोई महिला भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगी. इसमें तीन नामों पर विचार किया गया है, तीनों दक्षिण भारत से आती है. इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. जो ज की तारीख में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. उनके अलावा दूसरा नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी का है. वह बीजेपी की आंध्र प्रदेश की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. पुरंदेश्वरी कई भाषाओं की जानकार हैं. उन्होंने राजनीति में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है.

पुरंदेश्वरी को 'ऑपरेशन सिंदूर' बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए भी चुना गया था. तीसरा नाम वनथी श्रीनिवासन का लिया जा रहा है. वह तमिलनाडु से हैं. पेशे से वकील श्रीनिवासन वर्तमान में राज्य विधानसभा में कोयंबटूर दक्षिण का प्रतिनिधित्व करती हैं. वनथी 1993 म ें भाजपा में शामिल हुईं थीं. तब से उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. वह तमिलनाडु की प्रदेश सचिव, महासचिव और उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. 2020 में, पार्टी ने उन्हें पार्टी ने महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया था. 2022 में, वह बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं.
बहरहाल, भाजपा एक ऐसी पार्टी है, घोषणा से पहले उसकी योजना की भनक किसी को नहीं होती, हमेशा भाजपा का फैसला चौंकाने वाला होता है, जिन नामों पर खूब चर्चा होती है, घोषणा के समय कोई और नाम सामने आ जाता है, इसलिए पहले से दावे करना जल्दबाजी होगी, भाजपा एक तीर से कई निशाना भी साध सकती है, दक्षिण और महिला कोटे को एक साथ भरने के लिए निर्मला सीतारमण या डी पुरंदेश्वरी का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए कर सकती है. पीएम मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं और ये दोनों महिला ब्राह्मण समाज से आते हैं. इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद किसी सवर्ण जाति को दिया जा सकता है, जैसा अभी है. लेकिन अंतिम फैसला मोदी और भागवत की होगी, इसलिए सबकी नजरें इन्हीं दोनों पर टिकी है.