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भाजपा ने की राज्यपाल से स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने और सीबीआई जांच की मांग

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न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : भाजपा ने चाईबासा सदर अस्पताल में थैलीसीमिया पीड़ित गरीब आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने के दोषी पदाधिकारियों सहित राज्य के स्वास्थ्य विभाग में आकंठ भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, भ्रष्ट, निकम्मे स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने  के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से भाजपा ने पूरे प्रकरण की सीटिंग जज से अथवा सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच की अनुशंसा करने के संबंध में भी अनुरोध किया है.  

 भाजपा का कहना है कि झारखंड राज्य की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. आए दिन राज्य के सरकारी अस्पतालों में हृदय विदारक घटनाएं घट रही. डॉक्टर्स,दवाई, बेड, एम्बुलेंस के अभाव से त्रस्त गरीब जनता को अब सरकारी अस्पतालों में मौत परोसे जा रहे.

 ज्ञापन में भाजपा का कहना है कि विगत दिनों चाईबासा सदर अस्पताल में जिस प्रकार से थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए गए उससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की अक्षम्य लापरवाही उजागर हुई है. स्थिति इतनी भयावह है कि अब गरीब  जनता सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने केलिए 100 बार सोचने को विवश है.

 भारत सरकार ने 13 जनवरी 2021 को ही राज्य में चल रहे ब्लड बैंकों की स्थिति में सुधार हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने इसे बहुत हल्के में लिया. और सघन जांच पड़ताल की जगह केवल इसे खाना पूर्ति और औपचारिकता मात्र समझा. आज इसी लापरवाही का भयावह दुष्परिणाम राज्य की जनता को भुगतने केलिए विवश होना पड़ रहा रहा. राज्य सरकार की लापरवाही ने अस्पतालों को चिकित्सा की जगह नहीं बल्कि मौत घर में बदल दिया है. आज गरीब जनता सरकारी अस्पतालों में स्वस्थ होने नहीं बल्कि मौत लेने केलिए आ रही है.

 जिस प्रकार से रोज मीडिया में खबरें उजागर हो रही है उससे एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने की घटनाएं अब केवल चाईबासा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में ऐसी लापरवाही उजागर हो रही है. जिसके उच्चतम स्तर पर विस्तृत जांच की आवश्यकता है. यह सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इसे लीपापोती करने में पूरी तरह जुटी हुई है.

 एक तरफ इलाज की स्थिति इतनी भयावह है वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार संवेदनहीनता की पराकाष्ठा कर रही है. सदर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के जिम्मेवार सिविल सर्जन  भ्रष्ट विभागीय मंत्री के टूल्स बने हुए हैं. मंत्री के इशारे पर विभाग में मनमाने टेंडर और आउटसोर्सिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा.

 सिविल सर्जन मनमाने ठेकेदारों को टेंडर बांट रहे जिसके कारण घटिया सामग्रियों की आपूर्ति हो रही है, प्रतिबंधित नशीले कफ सिरप धड़ल्ले से बिक रहे और विभागीय मंत्री औचक निरीक्षण का नाटक कर रहे. रिम्स के निदेशक ने तो शपथ पत्र द्वारा कहा कि कमीशन के लिए मंत्री महीनों तक फाइल में हस्ताक्षर नहीं करते हैं. आयुष्मान योजना में बड़े अस्पतालों को फायदा पहुंचाने केलिए राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन तक कर दिए.

 प्रदेश भारतीय जनता पार्टी राज्य के स्वास्थ्य विभाग की भयावह स्थिति से चिंतित है. भाजपा राज्य सरकार द्वारा गरीबों को मौत परोसे जाने को चुपचाप नहीं देख सकती. जनभावनाओं के अनुरूप पार्टी ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद किया है.

 आज धरना के माध्यम से भाजपा महामहिम से अनुरोध करती है कि राज्य को ऐसी भयावह स्थिति से निजात दिलाने केलिए भ्रष्ट,निकम्मी राज्य सरकार को आवश्यक सख्त निर्देश दिए जाएं. संक्रमित खून चढ़ाने में दोषी सभी व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई हो, उन्हें जेल भेजकर सख्त सजा दिलाई जाए. साथ ही इस पूरी भ्रष्ट व्यवस्था के संरक्षक और पोषक स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए. साथ ही पूरे प्रदेश में चल रहे ब्लड बैंक की और इस प्रकार उजागर हो रहे घटनाओं की राज्य के उच्च न्यायालय  के सिटिंग जज अथवा सीबीआई से उच्च स्तरीय  जांच कराने की अनुशंसा की जाए.

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