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बिहार में “हम” का “दम”, क्या एनडीए की नैया डुबोने की तैयारी में हैं मांझी ? क्यों दिखा रहे बागी तेवर, जानिए खबर में

सित. 14

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 न्यूज डेस्क

पटना ( PATNA ) : बिहार इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर खींचतान है तो बिहार एनडीए में भी कमोवेश स्थित वैसी ही है. इस बार बिहार एनडीए में भाजपा-जदयू के साथ जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है. चिराग और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी पिछली बार एनडीए का हिस्सा नहीं थे. इसलिए एनडीए में भी सीय शेयरिंग को लेकर खींचतान जारी है.

हम को राष्ट्रीय पार्टी बनाना चाहते हैं मांझी

पूर्व सीएम और हम के प्रमुख जीतनराम मांझी ने दस साल पहले हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा नाम राजनीतिक पार्टी का गठन किया था. 2020 में एनडीए के साथ चुनाव लड़े और सात सीट में से 4 पर जीत दर्ज की थी. जीतनराम खुद केंद्र में मोदी सरकार में मंत्री है, बेटा नीतीश सरकार में और बहू विधायक हैं. अब तक जीतन राम अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर लेजाना चाहते हैं, इसलिए अकेले अपने दम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात करने लगे हैं. उनका कहना है कि राष्ट्रीय पार्टी के लिए एक राज्य में 60 फीसदी सीटें जीतना जरूरी होता है या कम से कम कुल मतदान का 6 फीसदी वोट मिलने चाहिए. मांझी का कहना है कि बिहार के हर विधानसभा में उनका अपना 10-15 हजार वोट है. वह मिल जाएगा तो उनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है.

सीट को लेकर मांझी का प्रेशर पॉलिटिक्स

दरअसल जीतनराम मांझी बिहार में एनडीए से 15-20 सीट चाहते हैं और नहीं मिलने पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए एनडीए पर प्रेशर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'हम पार्टी, छोटी-मोटी पार्टी नहीं है. 10 वर्ष की पार्टी हो गई है। मैं चाहता हूं कि हमारी पार्टी भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी हो.15 से 20 सीट मिलेगा, तब ना 8-9 सीट जीतेंगे. अगर, एनडीए की ओर से 15 से 20 सीट मुझे नहीं दी गई, तब फिर हम अकेले 50 से 100 सीट पर चुनाव लड़ेंगे. मांझी ने दावा किया कि बिहार की हर विधानसभा सीट पर हमारी पार्टी (HAM) के 10-15 हजार वोटर हैं. 

 

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