
झामुमो का पलटवार , श्रम विभाग की गजट पर भाजपा का आधा-अधूरा ज्ञान पूरी तरह राजनीतिक
नव. 25
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि झारखंड की ‘अबुआ सरकार’ को बदनाम करने का भाजपा का सिलसिला अब बेतुके आरोपों के नए अध्याय पर पहुँच गया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरा बयान तथ्यों से रहित, भ्रामक, आधा-अधूरा ज्ञान और पूरी तरह राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है. भाजपा को पैरामेडिकल स्टाफ की चिंता तब क्यों नहीं हुई, जब केंद्र में उनकी सरकार ने इन्हें उपेक्षित रखा?
विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा जिन पैरामेडिकल स्टाफ की आज अचानक चिंता जता रही है, उन्हीं वर्गों को लेकर केंद्र सरकार ने कभी न्यूनतम वेतन, सुरक्षित कार्य वातावरण और पुरानी पेंशन जैसी मांगों पर कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने शासनकाल में स्वास्थ्य ढांचे को जर्जर करने और संविदा कर्मचारियों को शोषण के अंधेरे में धकेलने के लिए कुख्यात रही है.
गजट की गलत व्याख्या कर रहे है भाजपा नेता
विनोद पांडेय ने साफ कहा कि श्रम विभाग की गजट अधिसूचना को भाजपा नेता ‘चुनिंदा रूप’ से पढ़ रहे हैं, जबकि
सरकार पैरामेडिकल स्टाफ के वेतनमान, कौशल श्रेणी और मानदेय संरचना को अपडेट करने की प्रक्रिया पर पहले से काम कर रही है. भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि उनके शासन में स्वास्थ्यकर्मियों की वेतन संरचना किस हालत में थी? वे क्यों 17 - 18 वर्षों तक चुप बैठे रहे?”
समानता सिक्योरिटी को लेकर भाजपा का आरोप राजनीतिक नौटंकी
विनोद पांडेय ने आगे कहा कि सदर अस्पताल रांची में आउटसोर्सिंग व्यवस्था भाजपा शासनकाल से ही चलती आ रही है और उस दौरान भारी घोटाले, दलाली तंत्र और भ्रष्ट एजेंसियों को भाजपा नेताओं के संरक्षण में फलने-फूलने दिया गया था. उन्होंने कहा आज जब अबुआ सरकार आउटसोर्सिंग एजेंसियों के पूरे सिस्टम की ऑडिट और रिव्यू कर रही है, तब भाजपा बौखला गई है.





