
झामुमो की चेतावनी, भाषा की मर्यादा सीखें बाबूलाल, कोर्ट के टिप्पणी के बाद बोलने का औचित्य नहीं
सित. 13
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की नसीहत के बाद भाजपा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के पास डीजीपी नियुक्ति पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं बचता. उन्होंने कहा कि अदालत ने मरांडी की अवमानना याचिका को महत्वहीन ठहराया था. कहा था कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए कोर्ट में याचिका नहीं दायर करनी चाहिए.
झामुमो प्रवक्ता ने बाबूलाल को याद दिलाते कहा कि भाजपा नेताओं के अनुसार अदालत की टिप्पणी के बाद ही मरांडी ने स्वेच्छा से अपना मामला वापस ले लिया था. उन्होंने कहा है कि जब सर्वोच्च अदालत ने कह दिया है कि यह मामला दो अधिकारियों के बीच प्रतिद्वंद्विता जैसा है, तब प्रेस के मंच से सरकार और पुलिस पर आरोप लगाकर मरांडी आखिर क्या साबित करना चाहते हैं?
डीजीपी नियुक्ति का मुद्दा अभी अदालत में विचाराधीन
झामुमो नेता ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार हमेशा संवैधानिक संस्थाओं और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करती है. डीजीपी नियुक्ति का मुद्दा अभी अदालत में विचाराधीन है और सरकार उसी के अनुरूप आगे बढ़ रही है. झामुमो नेता ने चेतावनी दी कि विपक्षी नेताओं को आलोचना करते समय भाषा की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. लोकतंत्र में विपक्ष का मतलब असंयमित बयानबाज़ी नहीं है.
पांडेय ने कहा कि जनता सब देख रही है और यदि मरांडी को सचमुच पुलिस व्यवस्था की चिंता है, तो उन्हें अदालत के फैसलों और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए.











