
हाथी सवार हो कर आ रही “मैया”, मां की कलश स्थापना,जौ बोने,अखंड ज्योत जलाने की सरल विधि,बन रहा महालक्ष्मी राजयोग
सित. 21
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उपेंद्र गुप्ता
रांची ( RANCHI) : शारदीय नवरात्रि को हिंदू धर्म में बहुत खास और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है. इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है अगर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो यह सुख-समृद्धि, व्यापार और कृषि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब भी कोई बड़ा त्यौहार किसी खास ग्रह-नक्षत्र के संयोग में आता है, तो उसका प्रभाव और भी ज्यादा गहरा और शुभ हो जाता है। इस बार मां दुर्गा की भक्ति के साथ-साथ एक बेहद दुर्लभ और शक्तिशाली योग बन रहा है, जिसका नाम है महालक्ष्मी राजयोग. यह योग कुछ खास राशियों के लिए धन-धान्य और खुशियों की सौगात लेकर आएगा.

प्रथम दिन मां शैलपुत्री की करें पूजा
नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभारंभ देवी के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना से होता है. शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. मां शैलपुत्री शक्ति, संयम, और शुद्धता की प्रतीक हैं. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के पहले दिन अगर विधिपूर्वक मां शैलपुत्री की पूजा की जाए, तो साधक को धन, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है. इस पावन अवसर पर जानिए मां शैलपुत्री की पूजा विधि, चमत्कारी मंत्र, और आरती, जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागरण ला सकते हैं.





