
उपराष्ट्रपति पद का एनडीए प्रत्याशी कौन ? ओबीसी, अल्पसंख्यक या अगड़ा, चार राज्यपाल के नाम रेस में
अग. 12
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रांची डेस्क
रांची ( RANCHI ) : भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को मतदान होगा. 21 अगस्त तक नामांकन पर्चा भरने की अंतिम तिथि है. इसलिए एनडीए और इंडी दोनों गठबंधन सियासी बिसात बिछाने में जुट गई है. एनडीए के सभी घटक दलों ने पहले ही अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है, वहीं कांग्रेस भी सहयोगी दलों के साथ तालमेल कर संयुक्त प्रत्याशी देने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि दोनों सदनों में आंकड़ों के हिसाब से एनडीए काफी आगे है.
उपरा ष्ट्रपति चुनाव को लेकर पीएम की बैठक
दिल्ली में पिछले सप्ताह एनडीए की बैठक में सर्वसम्मति से पीएम मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को उपराष्ट्रपति पद के लिए प3त्याशी चयन के लिए अधिकृत कर दिया गया था. माना जा रहा है कि मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार का चयन ज कर लिया जाएगा.
सहयोगी दलों ने दिया बिना शर्त समर्थन
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एनडीए की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, टीडीपी के लवू कृष्ण देवरायलु और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास अठावले भी बैठक में शामिल हुए थे. लगभग सभी ने भाजपा के उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी थी.

चार राज्यपाल भी उपराष्ट्रपति के प्रत्याशी की दौड़ में
एनडीए की ओर से अभी तक कई नाम उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में चर्चा की गई है. लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनी है. पीएम मोदी की विशेषता रही है कि वे हमेशा चौंकाने वाले नाम सामने रखते हैं. इसलिए पीएम मोदी की घोषणा से पहले किसी एक नाम को फाइनल नहीं माना जा सकता है. फिलहाल राज्यभा में उपसभापति हरिवंश के नाम को चर्चा सभी लोग कर रहे हैं. ले किन इसमें चार राज्यपाल का नाम भी बड़ी तेजी से सामने आया है. जिसमें जम्मू-काश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिंहा, हरियाणा के राज्यपाल आचार्या देवव्रत, बिहार के राज्यपाल आरफि मोहम्मद खान, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के नाम संभावितों की सूची में रखा गया है.

ओबीसी या अल्पसंख्यक को भाजपा बना सकती है प्रत्याशी
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ओवीसी (जाट) समुदाय से थे, इसलिए भाजपा किसी ओबीसी को प्रत्याशी बना सकती है, हरियाणा के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ओबीसी ( जाट) समुदाय से हैं, इसलिए उनका नाम सबसे आगे चल रहा है, वहीं अल्पसंख्यक कोटे से बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद का प्रमुख नाम है. बिहार में चुनाव और अल्पसंख् यक को अपने पाले में लाने के लिए आरिफ मोहम्मद को भाजपा प्रत्याशी बना सकती है. वहीं अगड़ों की बात करें तो वर्तमान उपसभापति हरिवंश सिंह और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा का नाम सामने आ रहा है. पर अंतिम फैसला तो पीएम मोदी ही करेंगे. मोदी ऐसे नाम की भी घोषणा कर सकते हैं, जो कभी चर्चा में ही नहीं आए हो.











