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बंगाल पुलिस ने कोटशिला जाने से सुदेश महतो को रोका, बोलें - हक की लड़ाई को हर मोर्चे पर लड़ेंगे

सित. 22

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 न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री  सुदेश महतो को पश्चिम बंगाल के झालदा में पुलिस ने रोक दिया. श्री महतो को पार्टी प्रतिनिधिमंडल के साथ कोटशिला जा रहे थे. सुदेश महतो का कार्यक्रम झारखंड आंदोलन के शहीदों के शहादत स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का था. लेकिन पुलिस ने शहीद स्थल नहीं जाने दिया. इसके बाद कोटशिला के पार्टी कार्यालय में ही उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित किया.

प्रतिनिधिमंडल में सुदेश महतो के साथ पार्टी के पूर्व विधायक लंबोदर महतो, ईचागढ़ के पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो, पार्टी के महासचिव एवं हजारीबाग लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता शामिल थे.

 

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आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन में कई लोग घायल

ज्ञात हो कि कुड़मी समाज के एसटी दर्जे की मांग को लेकर हुए आंदोलन के दौरान कोटशिला क्षेत्र के कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. इन घायलों से मिलने और उनके हालचाल जानने के लिए सुदेश महतो जा रहे थे. लेकिन रास्ते में ही पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी. सुदेश महतो को पीड़ितों के गाँव में भी नहीं जाने दिया गया,तब पीड़ित परिवारों ने पार्टी कार्यालय में सुदेश महतो से मुलाक़ात की. पीड़ितों ने सुदेश महतो से अपना दर्द साझा किया.

 लोकतांत्रिक अधिकार का हनन हमलोग नहीं सहेंगे

पार्टी के महासचिव संजय मेहता ने पुरुलिया के एडिशनल एसपी से बात की. उन्होंने साफ़ तौर पर एसपी से कहा कि पुलिस के आदेश के बावजूद लोकतांत्रिक अधिकार का हनन हमलोग नहीं सहेंगे. हमलोगों को जाने दिया जाए. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी सुरक्षा के बीच सुदेश महतो को कोटशिला तक जाने  दिया लेकिन सिर्फ कार्यकर्ताओं से मिलने दिया. पुलिस ने पीड़ितों के गाँवों में जाने से सुदेश महतो को रोक दिया. पार्टी के प्रवक्ता संजय मेहता ने बताया की पीड़ितों से मिलने से रोकना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब लोग अपनी समस्याएँ और पीड़ा साझा करना चाहते हैं. तब प्रशासन उन्हें दबाने और रोकने का प्रयास करता है. उन्होंने कहा की कोटशिला की घटना में पीड़ित परिवारों के साथ पार्टी की पूरी संवेदना है. प्रशासन चाहे जितना भी रोके, हम जनहित और समाजहित की आवाज़ को बुलंद करते रहेंगे. लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के दर्द को सुनना और साझा करना किसी भी राजनीतिक दल का दायित्व है. बंगाल पुलिस दमन पर उतर आई है. संजय मेहता ने बताया कि सुदेश महतो जी के कार्यक्रम की सूचना पूर्व में ही बंगाल पुलिस को दे दी गई थी. बंगाल पुलिस ने अनुमति भी दी थी. बंगाल पुलिस ने सुदेश महतो के काफिले को सुरक्षा भी उपलब्ध कराया. लेकिन झालदा पुलिस ने ज्यादती करते हुए रोक दिया.

 

आजसू पार्टी ने प्रशासन से मांग की है कि हिंसा में घायल लोगों को उचित उपचार एवं मुआवजा दिया जाए तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. पुलिस किसी भी आंदोलनकारी के ऊपर दमन न करे. गाँव में घुसकर पुलिस ने लोगों के साथ ज़्यादती की है. इस मामले की निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए.

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