
चक्रधरपुर रेल मंडल में बड़ी कार्रवाई, दो आरपीएफ अधिकारी मुख्यालय अटैच, महिला से 15 हजार की रिश्वत वसूली का आरोप
नव. 28
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न्यूज डेस्क
चक्रधरपुर ( CHAKRADHARPUR) : चक्रधरपुर रेल मंडल में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर आरपीएफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. एक कूड़ा चुनने वाली महिला से 15000 रुपये रिश्वत वसूली मामले में चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीएससी पी. शंकर कुट्टी ने बंडामुंडा आरपीएफ थाना प्रभारी अरुण कुमार टोकास को सीनियर डीएससी कार्यालय और राउरकेला सीआईबी में तैनात सब-इंस्पेक्टर सपन कुमार शांडिल्य को चक्रधरपुर मुख्यालय के कंट्रोल कार्यालय में कार्य में लापरवाही के आरोप में चक्रधरपुर मंडल मुख्यालय में अटैच कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि बीते 10 अक्टूबर को सीबीआई ने छापेमारी कर बंडामुंडा आरपीएफ पोस्ट के जवान मोहम्मद असरार को राउरकेला के बिसरा चौक स्थित एथलेटिक स्टेडियम के पास एक महिला से 15000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने व्यापक जांच शुरू की थी, जिसके क्रम में थाना प्रभारी अरुण टोकास की संलिप्तता की भी जांच जारी है.
सीबीआई ने इस मामले में 24 नवंबर को बंडामुंडा पोस्ट के विकास पांडे समेत दो आरपीएफ सब-इंस्पेक्टरों को राउरकेला सीबीआई कार्यालय में बुला कर लम्बी पूछताछ की थी. मोहम्मद असरार की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्रीय सामाजिक संगठन के बंडामुंडा आंचलिक सुरक्षा समिति और मिश्रा युवा संघ ने आरपीएफ डीजी सोनाली मिश्रा को पत्र लिखकर बंडामुंडा थाना प्रभारी के निलंबन एवं कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर दक्षिण पूर्व रेलवे के आईजी ने निष्पक्ष जांच के बाद आज बंडामुंडा आरपीएफ थाना प्रभारी अरुण कुमार टोकास और सीआईबी सब-इंस्पेक्टर सपन शांडिल्य को चक्रधरपुर सीनियर डीएससी कार्यालय में अटैच कर दिया. इस कार्रवाई के बाद बंडामुंडा में लोगों के बीच संतोष का माहौल है और आरपीएफ के वरीय अधिकारियों की सख्त कार्यशैली की सराहना की जा रही है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बंडामुंडा पोस्ट के कार्यक्षेत्र में स्क्रैप चोरी, कोयला चोरी, रेलवे जमीन की अवैध खरीद-बिक्री जैसे मामलों में असामाजिक तत्वों को आरपीएफ का संरक्षण मिल रहा था. इन गंभीर आरोपों को देखते हुए दोनों अधिकारियों पर की गई कार्रवाई को लोग सही कदम बता रहे हैं.
सीनियर डीएससी पी शंकर कुट्टी ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में रेल मंडल में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भी आरपीएफ अधिकारी या जवान की संलिप्तता पाई जाएगी, उसके विरुद्ध त्वरित विभागीय जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.











