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केजरीवाल से सबक, जेल गए तो देना पड़ेगा इस्तीफा, ऐसा क्या है मोदी सरकार के नये कानून में, विपक्ष को सताने लगा डर

अग. 20

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रांची डेस्क

रांची ( RANCHI ) : देश में मोदी सरकार एक नया कानून ला रही है, जिसके तहत अब किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर कोई गंभीर अपराध या भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद गिरफ्तार किया जाता है या हिरासत में लिया जाता है और जेल जाते हैं, तब उसे हर हाल में 30 दिन के भीतर अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. नहीं तो उसे 31वें दिन स्वत: हटा हुआ मान लिया जाएगा. इस कानून के दायरे में देश के प्रधानमंत्री से लेकर, सभी केंद्रीय मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री शामिल हैं. गृह मंत्री अमित शाह इस कानून को बुधवार को लोकसभा में पेश करेंगे.


केजरीवाल से सबक लेकर बना है नया कानून,

गौरतलब है कि देश में अभी तक ऐसा कानून नहीं था कि आरोप लगने के बाद गिरफ्तारी या हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें हटाया जा सकें. अब तक नैतिकता के आधार मंत्री या सीएम इस्तीफा दे देते थे. लेकिन दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और उनके दो मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने इसी कानून का फायदा उठाकर जेल जाने के बाद भी अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया और जेल से ही सरकार चलाते रहे. दिल्ली में एक अजीबोगरीब संवैधानिक संकट पैदा कर दिया था. इस दौरान प्रशासनिक और संवैधानिक व्यवस्था पर कई सवाल उठे, क्योंकि जेल से सरकार चलाने की व्यवस्था ने न केवल प्रशासनिक कार्यप्रणाली को प्रभावित किया, बल्कि जनता के बीच भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न की.

 विपक्ष ने नए कानून पर जताई नाराजगी

इस नए कानून को लेकर कांग्रेस के नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. नए प्रस्तावित कानून के तहत मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी होते ही तुरंत हटा दिया जाएगा.'' उन्होंने कहा, ''विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे आसान तरीका यही है कि पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी के लिए छोड़ दिया जाए और चुनावी मैदान में हराने में असफल होने के बावजूद, उन्हें मनमानी गिरफ्तारियों के ज़रिए हटा दिया जाए!! और सत्ता पक्ष के किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को कभी छुआ तक नहीं जाता.

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि यह सत्ता से हटाने का नया तरीका है. उन्होंने कहा कि अगर किसी पर कोई आरोप न भी हो, तो भी आरोप लगाए जा सकते हैं और इस सरकार में लगाए भी जा रहे हैं. लोगों को झूठे और गंभीर आरोपों में जेल में डाला जा रहा है. जिन राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं हैं, उन्हें सत्ता से हटाने का एक और तरीका इस सरकार द्वारा लाया जा रहा है.

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