
BREAKING : जिसने मेरा सिंदूर मिटाया, योगी ने उसे मिट्टी में मिलाया, अखिलेश ने पार्टी से बाहर निकाला, जानिए पूजा की पूरी कहानी
अग. 14
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रांची डेस्क
रांची ( RANCHI) : उत्तर प्रदेश के विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान विजन-2047 पर अनवरत 24 घंटे की चर्चा में शामिल होते हुए कौशांबी की चायल सीट से विधायक पूजा पाल को सीएम आदित्यनाथ की प्रंशसा करना महंगा पड़ गया, विधानसभा में प्रशंसा करने के महज 8 घंटे के भीतर ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने विधायक पूजा पाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

जिसने मेरे सिंदूर को मिटाया, योगी उसे मिट्टी में मिलाया
सपा विधायक पूजा पाल ने विधानसभा में योगी सरकार की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि जिसने मेरे सिंदूर को मिटाया, उसे योगी सरकार ने मिट्टी में मिला दिया. उन्होंने कहा कि मेरी शादी को सिर्फ 9 दिन हुए थे और मेरे पति की हत्या कर दी गई थी. जब किसी ने मेरे आंसूओं को नहीं सुना. तब सीएम योगी ने सुना.
विधायक पूजा पाल ने कहा था,''मैंने अपना पति खोया है, सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की. मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी जब किसी ने नहीं सुनी. मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया.मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों मिट्टी मिलाया है. आज पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है.मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया.

कौन है सपा विधायक पूजा पाल
सपा विधायक पूजा पाल के पति राजूपाल की 25 जनवरी 2005 में इलाहाबाद में दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई थी. उस समय दोनों के शादी के महज 9 दिन ही बीते थे. इलाहाबाद पश्चिम से राजू पाल बसपा के विधायक थे, उनकी हत्या के बाद पूजा पाल 2007 ऍर 2012 में विधायक बनीं, 2022 में सपा में शामिल हो गई. विधायक राजू पाल की हत्या में माफिया अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर आरोप लगा था. जिसे सीएम योगी ने मिट्टी में मिला दिया था. इसलिए पूजा पाल ने विधानसभा में सीएम योगी की जमकर तारीफ की, लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सीएम योगी की प्रशंसा करना चुभ गया और पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया.
सीएम योगी को मानती भाई
सपा विधायक पूजा पाल सीएम योगी को अपना भाई मानती है. पति के हत्यारे को जहन्नूम पहुंचाने के बाद से ही पूजा पाल योगी की प्रशंसा करती रही है, इसलिए रा ज्यसभा चुनाव के दौरान भी पूजा ने पार्टी के खिलाफ भाजपा प्रत्याशी का समर्थन किया, उसी समय से अखिलेश के निशाने पर पूजा थी, इस बार मौका मिलते ही अखिलेश ने पूजा को सीधे बाहर का रास्ता दिखा दिया. लेकिन अखिलेश के इस कार्रवाई से पूजा का भाजपा में जाने का रास्ता भी खुल गया.











