
थैले में बच्ची का शव ले जाने का मामला : स्वास्थ्य मंत्री ने किसका किया बचाव और किस पर फोड़ा ठिकरा, जानिए खबर में
20 घंटे पहले
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) :चाईबासा सदर अस्पताल में चार माह की बच्ची की मौत के बाद पिता के द्वारा थैले में शव ले जाने के मामले में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है, उसे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने अस्पताल प्रबंधन का बचाव किया है. स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इसे तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है और आधे-अधूरे सच के जरिए राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है. तथ्यों को जानबूझकर गलत तरीके से प्रस्तुत कर डॉक्टरों और मेडिकल सिस्टम को बदनाम किया गया.
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि जिस बच्चे को 4 वर्ष का बताया जा रहा था, वह वास्तव में 4 माह का शिशु था. मंत्री ने यह भी कहा कि मामले को गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

क्या है ताजा माममला
जिले के नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत बड़ाजामदा थाना क्षेत्र के बालजोड़ी गांव के डिंबा चातोम्बा अपनी चार माह की नवजात शिशु को इलाज के लिए सदर अस्पताल, चाईबासा लेकर पहुंचे थे, जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. मौत के बाद मृत बच्ची के पिता ने अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की, घंटों इंतजार किया. फिर भी एंबुलेंस नहीं मिला, उसके पास निजी वाहन किराए पर लेने के पैसे नहीं थे, सो उसने एक थैला खरीदा और बच्ची का शव थैले में डाला कर और कंधे पर रख लिया और पैदल ही अपने गांव के लिए चल दिया.
चाईबासा सदर अस्पताल प्रबंधन गलतियों से नहीं ले रहा सबक
पश्चिमी सिंहभूम जिले का चाईबासा सदर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही हमेशा उजागर होती रही है, कुछ माह पहले थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों क ो एचआईवी पॉजिटिव खून चढ़ाने जैसी गंभीर घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन न तो अस्पताल प्रशासन ने सबक लिया और न ही जिला प्रशासन ने ठोस कदम उठाए. गलत खून चढ़ाने को लेकर पूरे राज्य में बवाल मचा था.

पूर्व सांसद गीता कोड़ा पहुंची पीड़ित परिजन के गांव
घटना की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद गीता कोड़ा स्वयं दुर्गम जंगल क्षेत्र में स्थित पीड़ित परिवार के गांव पहुंचीं. उन्होंने शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी ली और उन्हें ढाढ़स बंधाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना सदर अस्पताल चाईबासा और स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही को उजागर करती है. एक पिता को अपने नवजात के शव को इस तरह ले जाने के लिए मजबूर होना व्यवस्था पर एक बड़ा धब्बा है. पूर्व सा ंसद ने कहा कि इससे पहले भी अस्पताल में उन्होंने अबुआ सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं और हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.











