
सावधान : चंद्रग्रहण का लग चुका है सूतक, ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा से कैसे करें बचाव
सित. 7
2 min read
1
209
0

उपेंद्र गुप्ता
रांची ( RANCHI) : साल 2025 का आखिरी और सबसे बड़ा चंद्रग्रहण 7 सिंतबर रविवार को लग रहा है और इसका सूतक समय शुरू भी हो चुका है. ऐसे में हमें नकारात्मक शक्तियों से खुद को बचाने के लिए धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरह से कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. आईए हम बताते हैं कुछ जानकारियां जिससे आप अभी से शुरू कर दें ........

चंद्रग्रहण का सूतक काल,मंदिरों के कपाट बंद
आज का चंद्रग्रहण का स्पर्श रात 9 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा. जबकि ग्रहण का आरंभ 11 बजकर 1 मिनट से शुरू होगा. मध्य काल 11 बजकर 42 मिनट खग्रास समापन 12 बजकर 23 मिनट पर और ग्रहण काल 1 बजकर 26 मिनट पर होगा. कुल 3 घंटा 29 मिनट तक चंद्रग्रहण का प्रभाव रहेगा.
धार्मिक नियमों के अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने के 9 घंटे पहले से लग जाता है और चंद्रग्रहण के खत्म होने के बाद ही समाप्त होता है. अर्थात आज के चंद्रग्रहण का सूतक लग चुका है. सूतक को शुभ समय नहीं माना जाता, इसलिए मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. पूजा-पाठ इस दौरान नहीं करना चाहिए. हालांकि मंत्रों का जप और ध्यान करने से इस दौरान शुभ फल मिल सकते हैं.
गर्भवती म हिलाएं विशेष सावधानी बरतें
ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी बलवान हो जाती है, जिससे मानव के शरीर और जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसलिए ग्रहण काल में कई सावधानियां बरतना बहुत जरूरी माना गया है. ग्रहण काल में ये नकारात्मक शक्तियां गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु को प्रभावित कर सकती है. गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिए और दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें. इस दौरान चाकू, कैंची, या सुई जैसे तेज उपकरणों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

चंद्रग्रहण काल में पूजा-पाठ या भोजन ना करें
सूतक और ग्रहण के दौरान नकारात् मक शक्तियां काफी प्रबल होने लगती है. जिसे शुभ नहीं माना गया है, इसलिए पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए. ग्रहण शुरू पर भोजन या पानी ग्रहण भी नहीं करना चाहिए, बेहतर होगा कि ग्रहण शुरू होने के आंध घंटे पहले भोजन कर लें, पानी पी लें और शेष भोजन नहीं रखें, बहुत जरूरी भोजन सामग्री है तो उसमें तुलसी के पत्ते डाल कर रखें ताकि नकारात्मक शक्तियां उससे खराब नहीं कर सकें. चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें. शारीरिक या मानसिक रूप से थकाने वाले कार्य भी नहीं करें. ग्रहण के दौरान नकरात्मक शक्तियों से बचने के लिए भगवान का ध्यान लगाएं और मंत्र जाप करें.











