top of page

एक साल बाद भी सीडीपीओ नियुक्ति मुख्य परीक्षा का रिजल्ट नहीं, 39 डीएसपी का पदस्थापन भी नहीं – आजसू

सित. 12

3 min read

0

17

0

 

ree

 न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : आजसू पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता संजय मेहता ने कहा कि सीडीपीओ नियुक्ति के 64 पदों के लिए दो से चार अगस्त 2024 को मुख्य परीक्षा ली गयी थी. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने राज्य में सीडीपीओ के 64 पदों पर नियुक्ति के लिए आठ जून 2023 से प्रक्रिया शुरू की.

 10 जून 2024 को प्रारंभिक परीक्षा ली. आयोग द्वारा पहली बार 27 जून 2024 को मॉडल आंसर की जारी की गयी. इसके बाद संशोधित मॉडल आंसर को तीन जुलाई 2024 को जारी किया गया. पुन: पांच दिन बाद संशोधित मॉडल उत्तर जारी किया गया.

 15 जुलाई 2024 को रिजल्ट जारी करने के बाद दो से चार अगस्त 2024 को मुख्य परीक्षा का भी आयोजन किया. लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी आयोग ने रिजल्ट जारी नहीं किया है. कुल 64 पदों में 32 पद महिलाओं के लिए आरक्षित है. प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण 1590 अभ्यर्थियों में से 1511 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल हुए. अभ्यर्थी 10 माह से रिजल्ट की आस में बैठे हुए हैं.

39 डीएसपी का पदस्थापन अब तक नहीं

 सातवीं से दसवीं जेपीएससी में चयनित 39 डीएसपी का पदस्थापन अब तक नहीं किया गया है. जबकि इन्होंने अपना प्रोबेशन पीरियड और प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है. राज्य में क़ानून व्यवस्था की हालत ख़राब है. लगातार अपराध की घटनाएँ बढ़ी है. ऐसे में सरकार द्वारा डीएसपी का पदस्थापन नहीं किया जाना निराशाजनक है.

 जेटेट का आयोजन अब तक नहीं

 2016 के बाद से अब तक झारखंड में जेटेट का आयोजन नहीं किया गया है. राज्य गठन के बाद से महज 2 बार झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई है. 2013 में पहली बार परीक्षा आयोजित किए गए जिसमें 68 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे. दूसरी बार साल 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई जिसमें 53 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे। हजारों अभ्यर्थी शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन परीक्षा नहीं होने से अभ्यर्थी मायूस हैं. झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) का आयोजन सरकार जल्द करे.

 जेट नोटिफिकेशन को संशोधित करे सरकार

 झारखंड लोक सेवा आयोग ने जेट 2024 के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. इस परीक्षा के माध्यम से योग्य उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर पदों और झारखंड के विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं. लेकिन इसमें सरकार ने कुछ विषयों को सम्मिलित नहीं किया है. बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी,बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोलॉजी, फाइन आर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, एमबीए (एग्रीबिजनेस) जैसे विषयों को जेट के अधिसूचना में सम्मिलित नहीं किया गया है. सरकार इन विषयों को अधिसूचना में सम्मिलित करे.

 हर मामले में कोर्ट से फटकार के बाद सरकार कार्य करती है

 सरकार कोई भी परीक्षा या कार्य बिना कोर्ट के फटकार के नहीं करती है. जेपीएससी, जेएसएससी, जेटेट, सहायक आचार्य, नगर निकाय, नियोजन, अनुबंध कर्मियों का नियमितीकरण सभी मसलों पर सरकार कोर्ट के फटकार के बाद ही कार्य करती है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे सरकार ने अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों की तिलांजलि दे दी है.

 आउटसोर्सिंग की ठेकेदारी प्रथा बंद हो, सरकार सीधी नियुक्ति करें

 सरकार नियुक्तियों में आउटसोर्सिंग की ठेकेदारी प्रथा को बंद करे. यह निजी कंपनियाँ कर्मियों का शोषण करती हैं. समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिलता है. आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जाता है. विस्थापित क्षेत्रों में स्थापित कंपनियाँ विस्थापितों को नौकरी दे.

 यूपीएससी के तर्ज पर प्रतिभा सेतु का निर्माण करे जेपीएससी

 आजसू ने माँग की है सरकार यूपीएससी के तर्ज पर प्रतिभा सेतु का निर्माण करे. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ यूपीएससी प्रतिभा सेतु के माध्यम से सत्यापित नियोक्ताओं को उन UPSC उम्मीदवारों से जोड़ता है जिन्होंने परीक्षा के सभी चरणों को पार कर लिया है. लेकिन अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाए हैं.

 आजसू ने एक उदाहरण से स्पष्ट किया की जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 में कुल 342 पदों के लिए 864 उम्मीदवारों ने इंटरव्यू दिया। मुख्य परीक्षा (मेन्स) पास करने वाले इन 864 उम्मीदवारों में से अंत में 342 सफल हुए. 522  अभ्यर्थी इंटरव्यू के बाद अंतिम सूची में स्थान नहीं बना पाए. उनके लिए सरकार को सोचना चाहिए. क्योंकि ये अभ्यर्थी राज्य के मेघावी छात्र हैं.

 ऐसे मेघावी छात्र के पास विकल्प होना चाहिए ताकि उनकी उपयोगिता किसी संस्था के अंदर सुनिश्चित हो सके. क्योंकि अंतिम सूची में स्थान नहीं बना पाने के बाद उन्हें पुनः तैयारी की शुरुआत शून्य से करनी पड़ती है. उनके पास पुनः तैयारी का विकल्प तो खुला है लेकिन उनके लिए सरकार एक वैकल्पिक व्यवस्था बनाए. सरकार एक पोर्टल बनाकर ऐसे सभी अभ्यर्थियों को बड़े संस्थाओं और सरकार की योजनाओं, संस्थाओं से जोड़कर अवसर दे. इनकी प्रतिभा का इस्तेमाल राज्य के विकास में किया जाए.

सित. 12

3 min read

0

17

0

संबंधित पोस्ट

टिप्पणियां

अपने विचार साझा करेंटिप्पणी करने वाले पहले व्यक्ति बनें।
bottom of page