
हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद थाना प्रभारी निलंबित,3 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, आखिर क्यों ? जानिए खबर में
दिस. 4
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न्यूज डेस्क
चैनपुर ( CHAINPUR) : झारखंड हाईकोर्ट ने गुमला के चैनपुर थाने में एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में कथित बेरहमी से पिटाई के मामले में कड़ा रुख अपनाया है. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है और तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए चैनपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन अन्य पुलिस पदाधिकारियों पुअनि दिनेश कुमार, नंदकिशोर महतो, और निर्मल राय को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है.
हाई कोर्ट ने एसपी को दिया निर्देश
हाईकोर्ट ने इस गंभीर मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को गुमला एसपी को आदेश दिया कि वे 4 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे मामले का संपूर्ण रिकॉर्ड और चैनपुर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग लेकर कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाजिर हों. अदालत ने गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक , गुमला एसपी और चैनपुर थाना प्रभारी को नोटिस भी जारी किया है. यह याचिका पीड़ित व्यक्ति तक्यूम चौधरी की पत्नी नबीजा बीबी ने हाईकोर्ट में दायर की थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि चैनपुर पुलिस ने 1 दिसंबर को तवाबुल चौधरी को हिरासत में लिया था, जबकि उनके खिलाफ न तो कोई प्राथमिकी दर्ज थी और न ही कोई शिकायत. नबीजा बीबी ने आरोप लगाया कि हिरासत के दौरान उनके पति को बेरहमी से पीटा गया, जिसके कारण उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा. उन्होंने चैनपुर पुलिस थाना प्रभारी की कार्रवाई की जांच संबंधित अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चैनपुर ने मामले की जांच की. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि थाना प्रभारी कृष्ण कुमार के द्वारा क्यूम चौधरी को पूछताछ के लिए बुलाना और उनके साथ मारपीट की गई जो न्यायसंगत नहीं है जबकि उनके खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध दर्ज नहीं था.
ससुर को ढूंढने के लिए दामाद को उठाया, बेरहमी से पीटा
पूरा मामला चैनपुर प्रखंड के ग्राम जमगाई निवासी जमरूद्दीन खान से जुड़ा है. जमरूद्दीन खान को एक मामले में वर्ष 1996 में सजा हुई थी, जिसके तहत उन्होंने 3 साल की सजा काटी थी और बाद में अदालत ने उन्हें राहत दी थी. इधर, कुछ दिनों पूर्व परिवार को सूचना मिली कि जमरूद्दीन खान के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है, जिसके कारण वह पुलिस की नजर से बच रहे थे. जमरूद्दीन खान की गिरफ्तारी को लेकर चैनपुर पुलिस सक्रिय हुई और दिसंबर माह की पहली तारीख को उनके दामाद, भरनो प्रखंड के सरगांव निवासी कयूम चौधरी को पूछताछ के लिए थाने ले गई, जबकि उनके खिलाफ कोई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज नहीं थी. जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने तत्काल प्रभाव से थाना प्रभारी को निलंबित करने और तीन अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया. चैनपुर थाना में अब पुअनि राजेंद्र मंडल और अरविंद कुमार को नए पुलिस पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित किया गया है. यह मामला पुलिस हिरासत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और न्यायिक सक्रियता की मिसाल कायम करता है जहां हाईकोर्ट ने पुलिसिया ज्यादती पर कड़ा संज्ञान लेते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की है. इस घटना के बाद से चैनपुर में चारों ओर इसी बात की चर्चाएं चल रही है.











