
जमीन घोटाले में पूर्व मंत्री,उनकी पत्नी को 7-7 साल की सजा, सरकारी कर्मी को भी मिली सजा
अग. 30
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रांची डेस्क
रांची ( RANCHI) : रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने झारखंड में चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला दिया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का और तत्कालीन भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्तिक कुमार प्रभात तत्कालीन सीआई राजकिशोर सिंह, फिरोज अख्तर, अनिल कुमार, राजस्व कर्मचारी ब्रजेश मिश्रा, मणिलाल महतो और परशुराम को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है.
पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी को 7-7 साल की सजा
सीबीआई के विशेष जज श्याम नंदन तिवारी की अदालत ने एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का समेत सभी दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई है. सभी पर जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त 1-1 साल की सजा काटनी होगी. एनोस एक्का के अधिवक्ता अनिल कंठ ने कहा कि इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
अर्जुन मुंडा और मधू कोड़ा सरकार में थे मंत्री
एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे. आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की. इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही.
राजधानी के कई इलाकों में खरीदी अवैध तरीके से जमीन
सीबीआई की जांच में यह सामने आया कि मार्च 2006 से मई 2008 के बीच एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का के नाम पर कई जमीनें खरीदी गईं. इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है. तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी.
विशेष लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह की दलीलों और गवाहों के आधार पर अदालत ने माना कि इन सौदों में सीएनटी एक्ट का खुला उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने सीबीआई की जांच रिपोर्ट को सही मानते हुए सभी आरोपियों को दोषी ठहराया।











