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दुलारचंद यादव की मौ'त गोली लगने से नहीं,तो फिर कैसे हुई ? पढ़िए पोस्टमार्टम रिपोर्ट

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न्यूज डेस्क

पटना ( PATNA) :  मोकामा में टाल के बादशाह दुलारचंद यादव हत्याकांड में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. अब तक ये दावा किया जा रहा था कि दुलारचंद की मौत  गोली लगने से हुई है.लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये दावा झूठा निकला. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने बताया कि दुलारचंद की मौत गोली से नहीं हुई थी. उन्हें पैर में एंकल के पास गोली लगी थी जो आर-पार निकल गई और इससे मौत संभव नहीं है.  

पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले

दुलारचंद के शरीर पर कई अन्य चोटों के निशान मिले हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, दुलारचंद यादव की मौत गोली लगने से नहीं हुई है, बल्कि उनके शरीर पर किसी भारी वस्तु से अत्यधिक दबाव डाला गया था. सीने और फेफड़ों पर पड़े अत्यधिक दबाव के कारण हृदय गति रुकने की आशंका जताई गई है, जिसके चलते फेफड़ा फट गया था. एक्स-रे और जांच में उनके शरीर पर कई गंभीर चोटों और खरोंच के निशान मिले हैं.रिपोर्ट में उल्लेख है कि उनकी कई पसलियां टूटी मिली हैं. इस हत्याकांड में आई रिपोर्ट से कई तथ्य उजागर किए हैं, जिसके बाद जांच की दिशा बदल गई है.

दुलारचंद यादव के पोते का आरोप

दुलारचंद यादव के पोते नीरज कुमार ने सीधे तौर पर जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह और उनके सहयोगियों पर हत्या का आरोप लगाया है. एफआईआर के अनुसार, गुरुवार को चुनाव प्रचार के दौरान अनंत सिंह ने पहले  गाली दी. मना करने पर राजवीर सिंह और कर्मवीर सिंह ने उन्हें जबरदस्ती गाड़ी से खींच लिया. आरोप है कि अनंत सिंह ने कमर से पिस्तौल निकालकर गोली चलाई, जो दुलारचंद के बाएं पैर में लगी. इसके बाद छोटन सिंह और कंजय सिंह ने लोहे की रॉड से उन पर ताबड़तोड़ हमला किया. फिर उन्हें एक थार गाड़ी से दो-तीन बार आगे-पीछे करके कुचला गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. हल्ला सुनकर अन्य लोग आए और दादा को उठाकर अस्पताल ले जाने के क्रम में मुत्यु हो गई. फिर मृत शरीर को पैतृक गांव (तारतर) लाया गया. उसके बाद पुलिस आई.'

थार और उसके चालक की तलाश

मृतक दुलारचंद के पोते नीरज कुमार ने एफआईआर में स्पष्ट आरोप लगाया है कि बहस के दौरान अनंत सिंह ने पिस्तौल निकालकर फायर किया. ये गोली दुलारचंद यादव के बाएं पैर में लगी, जिससे वो वहीं गिर पड़े. एफआईआर के मुताबिक राजवीर सिंह, कर्मवीर सिंह, छोटन सिंह और कंजय सिंह ने दुलारचंद यादव को मारा-पीटा. आरोप है कि छोटन सिंह और कंजय सिंह ने लोहे की रॉड से उनके पैर, पीठ और सिर पर वार किए. इसके बाद हत्यारों ने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उन्हें थार (चार चक्का गाड़ी) से कुचल दिया, जिससे उनका फेफड़ा फट गया और उनकी मौत हो गई.

हत्या की इस क्रूर वारदात को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी गाड़ी से भाग गए. पुलिस ने दुलारचंद की मौत की पुष्टि के बाद एफआईआर दर्ज कर ली है. अब जांच का मुख्य बिंदु उस थार गाड़ी की पहचान और उसे चलाने वाले आरोपियों को पकड़ना है. अनंत सिंह के सहयोगियों राजवीर, कर्मवीर, छोटन और कंजय सिंह की तलाश भी तेजी से की जा रही है.

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