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नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के पाठ को लेकर आपके मन में संशय है, तो जानिए इस आसान विधि के बारे में

सित. 23

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न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अनंत पुण्य फलदायक माना गया है। 'दुर्गा सप्तशती' के पाठ के बिना दुर्गा पूजा अधूरी मानी गई है. लेकिन दुर्गा सप्तशती के पाठ को लेकर श्रद्धालुओं में बहुत संशय रहता है.

शास्त्रानुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विधान स्पष्ट किया गया है. यदि 1 दिन में पू्र्ण शास्त्रोक्त विधि से दुर्गा सप्तशती का पाठ संपन्न करने की सामर्थ्य न हो तो निम्नानुसार क्रम व विधि से भी दुर्गा सप्तशती का पाठ करना श्रेयस्कर रहता है. 

 बेहद आसान विधि

रोजाना सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहने. सबसे पहले अपने शुद्जल छिड़के,फिर आचमन करें और संकल्प लें, उत्कीलन,शापोद्धार के बाद अर्गलास्त्रोत, कीलक का पाठ करें. सप्तशती के 13 का पाठ करें. 13 पाठ पढ़ने के बाद अंत में सिद्ध कुजिकास्त्रोत और क्षमा प्रार्थना पढ़ लें.  

 दुर्गा सप्तशती के 1 अध्याय को प्रथम चरित्र, 2, 3, 4 अध्याय को मध्यम चरित्र एवं 5 से लेकर 13 अध्याय को उत्तम चरित्र कहते हैं. जो श्रद्धालुगण पूरा पाठ (13 अध्याय) एक दिन में संपन्न करने में सक्षम नहीं हैं, वे निम्न क्रम से भी दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं.... पहले दिन 1 पहला अध्याय, दूसरे दिन 2 और 3 अध्याय, चौथे दिन 5,6,7,8 अध्याय पढ़े, पांचवे दिन 9 और 10 वां अध्याय,छठे दिन 11वां अध्याय, सांतवें दिन 12 और 13 वें अध्याय का पाठ कर लें. नवें दिन हवन करें और कन्याभोज कराएं. इस तरह खुद से भी नौ दिन तक माता दुर्गा की उपासना कर सकते हैं.   

 

सित. 23

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