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लव जिहाद-धर्मांतरण देश के लिए गंभीर खतरा, नए कानून में अवैध शादी, 14 साल की जेल,पढ़िए पूरी खबर  

सित. 8

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न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : राजस्थान के जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय समन्वय बैठक रविवार को सम्पन्न हो गई. इस बैठक में देश और समाज से जुड़े अनेक विषयों पर गहन चर्चा हुई. महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, जनजातीय क्षेत्र, सामाजिक समरसता, लव जिहाद, धर्मांतरण, नशा मुक्ति और सेवा कार्य जैसे मुद्दों पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं. 


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लव जिहाद और धर्मांतरण से देश में फैल रही अशांति- आरएसएस

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने देश में चल रहे लव जिहाद और धर्मांतरण पर गहरी चिंता जाहिर की. संघ के प्रचार प्रमुख ने कहा कि जबरदस्ती और लालच और घोखे से किया गया धर्मांतरण कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा. इससे देश में अशांति फैल रही है. यह सिर्फ धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और समाजिक सद्भाव के लिए भी एक बड़ा खतरा है. धर्मांतरण के खिलाफ संघर्ष केवल हिंदू धर्म की रक्षा को लेकर ही नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान की रक्षा को लेकर भी सतर्क होने की जरूरत है.  

साधू-संतों और युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

संघ प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि देश के युवक-युवतियों को लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर विशेष रूप से जागरूक करने की जरूरत है. बौद्धिक स्तर पर देश के युवाओं को समझाने की जरूरत है. उनके बीच ये मुद्दे उठाना होगा. इसके लिए कई संगठन काम कर रहे हैं, लेकिन अब देश के सभी साधू-संतों को भी सक्रिय होना पड़ेगा. उन्हें देश भर की यात्राएं करनी होगी और सभी के बीच इन बातों को रखना होगा. हिंदू धर्म की एकता की जो विशेष अनुभूति है, उसके भाव जो हैं वो सभी लोगों तक पहुंचे. इसके लिए कई प्रकार के प्रयास होना चाहिए. प्रचार प्रमुख ने कहा कि संघ का मानना है समाज को इस चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए.


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राजस्थान में जल्द आ रहा धर्मांतरण का नया कानून

राजस्थान की सरकार लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ एक सख्त कानून लाने जा रही है. आगामी विधानसभा सत्र में सीएम भजनलाल शर्मा गैरकानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध विधेयक, 2025 पेश करने की तैयारी कर रहे हैं. भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल ने पहले ही इस बिल में कुछ बदलावों को मंजूरी दे दी है. इससे प्रस्तावित कानून और भी सख्त हो जाएगा. नए कानून में कोई व्यक्ति जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का दोषी पाया जाता है, तो उसे सात से 14 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. विधेयक में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति केवल धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी करता है, तो ऐसी शादी को अवैध माना जाएगा.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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