
‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से तैयार विश्व स्तरीय वंदे भारत 4.0 की लांचिंग जल्द,‘इंडियन बुलेट ट्रेन’ जैसा मिलेगा अनुभव
नव. 8
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न्यूज डेस्क
बनारस ( BANARAS) : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा, “वंदे भारत 4.0 विश्व स्तर के मानक तय करेगा. हमारा लक्ष्य है कि यह ट्रेन गुणवत्ता, आराम और प्रदर्शन के हर स्तर पर इतनी उन्नत हो कि दुनिया के देश भी इसे अपनाना चाहें.” रेलवे मंत्रालय का कहना है कि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेनें देश के हर राज्य तक पहुंचाई जाएंगी, ताकि भारत का रेल नेटवर्क न केवल सबसे बड़ा बल्कि सबसे तेज़ और सुरक्षित भी बन सके. भारतीय रेलवे बोर्ड ने वंदे भारत एक्सप्रेस नेटवर्क के विस्तार को मंजूरी दे दी है. चार नई वंदे भारत ट्रेनों (कुल आठ सेवाओं) को हरी झंडी मिलने के बाद देश में इन ट्रेनों की कुल संख्या बढ़कर 164 हो जाएगी. फिलहाल भारतीय रेल नेटवर्क पर 156 वंदे भारत सेवाएं संचालित हो रही हैं.

पीएम ने दी चार नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को चार नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी. बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु रूट पर चलने वाली इन ट्रेनों का उद्घाटन पीएम मोदी ने खुद हरी झंडी दिखाकर किया. उन्होंने जैसे ही हरी झंडी दिखाई गई, स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने हर-हर महादेव के जयकारों के साथ उत्सव का माहौल बना दिया.
‘मे ड इन इंडिया’ तकनीक से तैयार वंदे भारत
वंदे भारत ट्रेनें ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से तैयार की गई हैं और इनमें यात्रियों की सुरक्षा, आराम और सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. नई मंजूर ट्रेनों में भी वही अत्याधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं जो मौजूदा मॉडलों में हैं. वंदे भारत 4.0: भारत से दुनिया तक का लक्ष्य वर्तमान में रेलवे नेटवर्क पर वंदे भारत 3.0 ट्रेनें चल रही हैं. लेकिन अब मंत्रालय वंदे भारत 4.0 पर काम कर रहा है, जिसे अगले 18 महीनों के भीतर लॉन्च करने की योजना है.
वंदे भारत में ‘इंडियन बुलेट ट्रेन’ जैसा अनुभव
सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत 4.0 में ऊर्जा दक्षता, गति, शोर नियंत्रण और यात्री सुविधाओं में कई नए सुधार होंगे. यह ट्रेन भारत की तकनीकी क्षमता और रेलवे आधुनिकीकरण का प्रतीक बनने जा रही है. भारत की रेल यात्रा में नया युग 2019 में वंदे भारत के सफर की शुरुआत से लेकर आज तक, यह ट्रेन भारतीय रेल की पहचान बन चुकी है. जहां एक ओर यह ट्रेन राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी सेवाओं का आधुनिक विकल्प बनकर उभरी है, वहीं दूसरी ओर इसने यात्रियों में ‘इंडियन बुलेट ट्रेन’ जैसा अनुभव पैदा किया है.





