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सारंडा सेंचुरी को लेकर कोल्हान में सियासी पारा हाई,भाजपा-झामुमो क्यों हुए आमने ? , पढ़िए खबर में

नव. 12

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न्यूज डेस्क

चाईबासा ( CHAIBASA) : पश्चिम सिंहभूम जिले में सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के मामले को लेकर कोल्हान में राजनीति तेज़ हो गई है. सारंडा सेंचुरी के विरोध में कोल्हान पोड़ाहाट सारंडा बचाओ समिति ने 16 नवम्बर को आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है. झामुमो ने सारंडा बचाओ समिति के आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन करने की घोषणा की है. वहीं भाजपा ने झामुमो के फैसले पर निशाना साधते कहा कि झामुमो का यह दोहरा चरित्र है.

 भाजपा ने झामुमो से सीधा सवाल किया है कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा सत्ता में है. झामुमो के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सारंडा को सेंचुरी बनाने के लिए सहमति दे चुके हैं. वही झारखण्ड मुक्ति मोर्चा इसका विरोध कर रही है.  भाजपा ने पूछा है कि झामुमो सरकार की नीतियों का विरोध कर रही है या आदिवासियों को गुमराह कर रही है, यह साफ करना चाहिए.  

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झामुमो जिला कार्यसमिति की बैठक में आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन

चाईबासा के परिसदन में सांसद जोबा माझी के नेतृत्व में जिला झामुमो समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में 16 नवंबर को सारंडा सेंचुरी का विरोध में कोल्हान-पोड़ाहाट, सारंडा बचाओ समिति की ओर से घोषित आर्थिक नाकेबंदी को नैतिक समर्थन देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. बैठक में सांसद जोबा मांझी ने कहा कि सारंडा के आदिवासी मूलवासी को उजाड़ने की हर कोशिश का विरोध किया जाएगा. जोबा मांझी ने आरोप लगाया कि सारंडा को सेंचुरी यानि कि वन्य जीव अभयारण्य बनाने के पीछे केंद्र सरकार की बड़ी साजिश है. इसे उद्योगपतियों के हितों के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी की नजर सारंडा पर है और आदिवासी जमीन को खाली कराने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि बलिदानी देवेंद्र माझी द्वारा बसाई गई कई बस्तियां अब भी संघर्ष के प्रतीक हैं.

 ऐसे गांवों को उजाड़ने की किसी भी योजना का झामुमो कड़ा प्रतिरोध करेगा. सांसद ने कहा कि सांस्कृतिक और अस्तित्व से जुड़े अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जाएगी. इस बैठक में झामुमो जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम, जिला सचिव राहुल आदित्य, विधायक निरल पुरती, विधायक जगत माझी, भुवनेश्वर महतो, बुधराम लागुरी, मोनिका बोईपाई सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे. 

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कोल्हान के आदिवासियों को गुमराह कर रहा झामुमो – भाजपा

वहीँ आर्थिक नाकेबंदी को झामुमो के नैतिक समर्थन की घोषणा होते ही भाजपा नेत्री पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने झामुमो पर सवालों के बौछार करने शुरू कर दिए हैं. गीता कोड़ा ने कहा कि सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के मामले में झामुमो के नेता सारंडा के भोले भाले आदिवासी के साथ छलावा कर रहे हैं. झामुमो के अध्यक्ष हेमंत सोरेन जो खुद इस वक्त झारखण्ड की कमान संभाल रहे हैं और राज्य के मुख्यमंत्री हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने ही सारंडा को सेंचुरी बनाने की स्वीकृति देते हुए केंद्र को अपना मंतव्य भेज दिया है.

 झारखंड सरकार ने राज्य के कोल्हान प्रमंडल स्थित सारंडा जंगल के 314 वर्ग किलोमीटर इलाके को सेंचुरी बनाने का निर्णय ले चुकी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में पिछले महीने आयोजित कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे चुकी है. आज वही झामुमो के नेता चाईबासा में बैठक कर इसके विरोध का ढोंग रच रहे हैं. झारखण्ड मुक्ति मोर्चा केवल आदिवासियों को गुमराह कर उन्हें उनके हक और अधिकार से वंचित करने का खेल रचना जानती है. गीता कोड़ा ने साफ़ शब्दों में झामुमो से यह सवाल किया है की आज झामुमो को यह स्पष्ट करना चाहिए कि झामुमो सारंडा को सेंचुरी बनाना चाहती है या नहीं.

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