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शेर पर सवार होकर मां चंद्रघंटा ने महिषासुर राक्षस का किया था वध, उनकी घंटी से कांपते थे असुर  

सित. 24

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 न्यूज डेस्क  

 रांची  ( RANCHI) :  नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि घर में मां चंद्रघंटा के आगमन से सुख-शांति का आगमन होता है. चंद्रघंटा माता को स्वर की देवी भी कहा जाता है, जो सिंह पर सवार होकर असुरों और दुष्टों को दूर करती हैं. 

 मां के घंटे की ध्वनि से दुष्ट, दैत्य और राक्षस रहते थे भयभीत