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शंकराचार्य का राजनीति में इंट्री ! बिहार के सभी विस में उतारेंगे प्रत्याशी, क्यों खफा हैं जगदगुरू नेताओं से?  

सित. 13

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  न्यूज डेस्क

पटना ( PATNA) : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तक राजनीतिक दलों की ही गहमागहमी नजर आ रही थी, लेकिन अब जगद्गुरू स्वामी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी बिहार चुनाव में ताल ठोंकने के संकेत देकर राजनीति में एक नया तुफान मचा दिया है. इससे किसको नुकसान और किसको फायदा पहुंचेगा, या फिर चुनावी मैदान में उनके इंट्री से जनता के बीच क्या असर होगा, यह सब कहना बहुत जल्दबाजी होगा. लेकिन इतना तो माना जा सकता ही है कि शंकराचार्य ने चुनाव में दिलचस्पी दिखाई तो सभी राजनीतिक दलों को अपने रणनीति में बदलाव तो करना पड़ ही जाएगा.

बिहार के हर विधानसभा में होगा शंकराचार्य का प्रत्याशी

 पटना में आचार्य किशोर कुणाल की प्रतिमा के अनावरण के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि उनकी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, लेकिन इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपना एक-एक प्रत्याशी खड़ा करेंगे. लेकिन उनके नाम का खुलासा नामांकन के बाद ही करेंगे. इसके पीछे उनकी क्या रणनीति है इसका खुलासा उन्होंने नहीं की है.

 

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गौ हत्या रोकने में सभी दल की चुप्पी से नाराज हैं शंकराचार्य

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सभी पार्टियां धर्मनिरपेक्ष की बात करती है, लेकिन कोई भी गौ हत्या को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि सदन में कोई भी गौ हत्या को रोकने के लिए न तो सवाल उठाता है और न ही क़ानून बनाने के लिए पहल करता है. जगद्गुरु ने कहा कि हमने सभी पार्टियों को देख लिया. हमने अपनी बात पीएम मोदी तक भी पहुंचाई, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. इसीलिए अब हमने यह सोचा है कि पूरे बिहार में घूम घूमकर मैं आम जनता तक यह संदेश पहुंचाउंगा कि आप लोग उसी को वोट दीजिए, जो इस बात का वादा करें कि मैं गौ रक्षा के लिए संसद में आवाज उठाऊंगा और इसे कानून बनाने के लिए प्रयास करुंगा.

 

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