
सूर्यग्रहण 21 सितंबर को, चार ग्रहों के बदलेंगे चाल, सभी राशियों पर प्रभाव, क्यों नहीं लगेगा सूतक ? जानिए सारी बातें
सित. 16
2 min read
0
150
0

न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : पितृपक्ष का आरंभ चंद्रग्रहण से शुरू हुआ था और अब समापन सूर्यग्रहण से होगा. इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगने वाला है. सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 22 सितंबर की सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगी. ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा. ज्योतिष के अनुसार इसका असर हम सभी की राशियों पर पड़ेगा. इस ग्रहण से ठीक पहले, ग्रहों की दुनिया में भी हलचल मची हुई है. सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र अपनी चाल बदलने वाले हैं. इन चार ग्रहों की बदलती चाल और सूर्य ग्रहण का मेल कुछ खास राशियों के लिए बड़े बदलावों का संकेत दे रहा है.
भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण
21 सितंबर 2025 को आखिरी सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण रात करीब 11 बजे से 22 सितंबर तड़के 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. रात्रि में होने के कारण यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा. जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है, तब सूर्यग्रहण लगता है.
भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण, पर सभी राशियों पर डालेगा असर
भले ही आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन प्रभाव तो पड़ेगा ही. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का बहुत बड़ा महत्व माना गया है. इसे न केवल प्राकृतिक घटनाओं में बदलाव के रूप में देखा जाता है, बल्कि इसका प्रभाव देश-विदेश की राजनीति, आर्थिक हालात और व्यक्तिगत जीवन पर भी महसूस किया जाता है. ग्रहण के समय उत्पन्न ऊर्जा सभी राशियों को अलग-अलग तरीके स े प्रभावित करती है, जिससे जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं. ज्योतिष के अनुसार, इस ग्रहण के दौरान सावधानी रखना आवश्यक होता है क्योंकि यह मानसिक और भावनात्मक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. सभी राशियों के लिए यह ग्रहण अलग-अलग अवसर और चुनौतियां लेकर आता है, इसलिए इसके प्रभाव को समझकर सही निर्णय लेना फायदेमंद होता है.











