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सूर्या एनकाउंटर : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने की सीबीआई जांच की अनुशंसा, भाजपा का सरकार पर हमला

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 न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवम राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले को लेकर राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा.श्री प्रकाश ने कहा कि सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामला पूरी तरह फर्जी है. स्व सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं बल्कि पत्थर माफिया दलाल बिचौलियों के इशारे पर राज्य की पुलिस ने हत्या की है. श्री प्रकाश प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे.

 अनुसूचित जनजाति आयोग  ने की सीबीआई की अनुशंसा

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की इस संबंध ने जारी जांच रिपोर्ट के आलोक में कहा कि रिपोर्ट में साफ हो गया है कि सूर्या हांसदा की हत्या कराई गई है. भाजपा सांसद ने कहा कि उन्होंने अनुसूचित जनजाति आयोग में जांच केलिए 16 अगस्त को लिखित आवेदन किया था जिसे संज्ञान में लेते हुए आयोग ने जांच की है. जांच में आयोग के सदस्य निरुपम चकमा, आशा लकड़ा सहित 6 अन्य अधिकारी शामिल हुए. 12 सितंबर को गृह मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की अनुशंसा की है तथा आवेदक के रूप में मुझे भी प्रतिलिपि प्रेषित की है.


उन्होंने कहा कि जांच टीम के समक्ष आरोपी पुलिस पदाधिकारियों का उपस्थित नहीं होना ,तथाकथित मुठभेड़ स्थल पर कोई जंगल नहीं होना, बावजूद इसके दो घंटे मुठभेड़ दिखाना, मीडिया को घटना स्थल से दूर रखना, स्व सूर्या हांसदा को बिना कोई वारंट के  24 घंटे से ज्यादा पुलिस कस्टडी में रखना ,न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं करना, घटना स्थल पर खून के धब्बे नहीं होना जैसे साक्ष्य तथाकथित मुठभेड़ को कटघरे में खड़ा कर रहे है.

उन्होंने मीडिया को जांच रिपोर्ट के साथ फोटो भी दिखाए जिसमें गोली के स्थान पर काले धब्बे स्पष्ट दिखाई पड़ रहे, चित्र में जलने के भी निशान हैं जो बताता है कि मुठभेड़ की कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत है.


उन्होंने कहा कि स्व सूर्या हांसदा एक राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता थे. संथाल परगना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर राज्य सरकार के संरक्षण में पल रहे पत्थर माफिया दलाल बिचौलियों का विरोध करते थे. इसलिए वे ऐसे लोगों के निशाने पर थे.

 

उन पर कोई वारंट नहीं था,फर्जी मुकदमों में वे बरी होते जा रहे थे.लेकिन राज्य सरकार के इशारे पर उनकी हत्या कराई गई. सीआईडी जांच से इसका समाधान नहीं बल्कि लीपापोती होगी. वही राज्य सरकार  के पदाधिकारी क्या इंसाफ करेंगे, जिनपर हत्या का आरोप है. इसलिए इसकी सीबीआई जांच ही एकमात्र समाधान है.

 

उन्होंने राज्य सरकार से इस घटना की अविलंब सीबीआई जांच कराने हेतु अनुशंसा करने की मांग की. साथ ही उनके परिजनों को सख्त सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की. साथ ही निष्पक्ष जांच को सुनिश्चित कराने केलिए आरोपी पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण अविलंब स्थानांतरण करने की मांग की.

प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव,प्रदीप सिन्हा ,सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।

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