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कार्तिक पूर्णिमा को करें गंगा स्नान,भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की करें पूजा, मिलेगा मोक्ष

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न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : कार्तिक मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों तरह से यह पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इस पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि, इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को लेकर थोड़ा असमंजस बना हुआ है कि 4 या 5 नवंबर कब रखा जाएगा। आइए जानते हैं पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा का व्रत कब रखना शुभ रहेगा.

कार्तिक पूर्णिमा को गंगा स्नान और दान से मिलता है मोक्ष

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 तारीख मंगलवार को पूर्णिमा तिथि रात में 11 बजकर 37 मिनट से पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 तारीख को सुबह में ही पंचक भी समाप्त हो रहा है. 5 तारीख को शाम में 6 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. ऐसे में 5 तारीख को सूर्योदय के साथ ही पूर्णिमा तिथि व्याप्त रहेगी और शाम के समय भी पूर्णिमा रहने वाली है तो कार्तिक पूर्णिमा का व्रत 5 तारीख बुधवार को ही किया जाएगा.कार्तिक पूर्णिमा दान और गंगा स्नान करने से पाप का नाश होता है. साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन जरुरतमंदों को दान आदि करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. वहीं, इस दिन भगवान विष्णु के साथ साथ भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. इसलिए इस दिन भगवान लक्ष्मी नारायण के साथ साथ भगवान शिव का अभिषेक भी करना चाहिए.

भगवान विष्णु,माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान शंकर की करें पूजा

कार्तिक मास के दिन सुबह जल्दी स्नान करें इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें. व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई कर लें. इसके बाद लकड़ी की चौकी पर एक पीला कपड़ा बिछा लें.इसके बाद भगवान विष्णु माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान शंकर की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद सभी को बारी-बारी से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें.इसके बाद घी का दीपक जलाकर पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें.इसके बाद आरती करके पूजा में हुई भूल चूक की माफी मांगकर सभी को प्रसाद वितरित करें.

 

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