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बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे शिक्षक, सड़े चावल का भात परोस रहे मध्याह्न भोजन में, अभिभावकों का हंगामा

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संवाददाता

महेशपुर (पाकुड़):प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय सोलपटिया में मंगलवार को अभिभावकों ने खराब चावल बच्चों को खिलाए जाने का आरोप लगाते हुए विद्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया. विद्यालय के बच्चों को पिछले तीन दिनों से मध्यान भोजन में सड़ा हुआ चावल पड़ोसा जा रहा था. बच्चों का अभिभावक मधु देवी, पिंकी देवी, चुमकी देवी समेत अन्य ने बताई की पिछले तीन-चार दिनों से विद्यालय में सड़ा हुआ चावल मध्यान भोजन में बच्चों को खिलाया जा रहा था. एक-दो दिन तक बच्चों ने हल्का-फुल्का चावल विद्यालय में खाया जिसके बाद एक- दो बच्चों का पेट खराब हो गया. इस विद्यालय में दो शिक्षक हैं प्रधान शिक्षक महादेव पाल एवं सहायक शिक्षक विनय कुमार ठाकुर पदस्थापित है. तीन दिन तक छुट्टी में रहने के बाद सहायक शिक्षक मंगलवार को विद्यालय में थे, जबकि प्रधान शिक्षक छुट्टी में थे. इस विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के कुल 50 बच्चे नामांकित है. मंगलवार को विद्यालय में 44 बच्चे उपस्थित थे. विद्यालय में दो रसोईया करुणा देवी एवं रीता देवी तथा एक संजोजिका प्रमिला देवी है. सभी ने बताया कि पिछले तीन दिनों से विद्यालय में इसी सड़ा हुआ चावल से मध्यान भोजन बनाया जा रहा है. उन लोगों ने भी प्रधान शिक्षक से इस चावल को छोड़कर अच्छा चावल से मध्य भोजन बनाने का मांग किया था. परंतु प्रधान शिक्षक ने उन लोगों को कहा था कि यह चावल से ही मध्यान भोजन बनाना है. जिसको खाने का है खाएगा, जिसको नहीं खाने का है वह नहीं खाएगा. प्रधान शिक्षक के बात पर वे लोग आज चौथे दिन विद्यालय में सड़ा हुआ चावल बनाया था. इसी दौरान विद्यालय के बच्चों ने इस चावल को खाने से मना कर दिया. साथ ही बच्चों ने अभिभावकों से भी सड़ा हुआ चावल देने का शिकायत किया.

इसके बाद अभिभावक विद्यालय पहुंचकर इसका जमकर विरोध किया. अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि प्रधान शिक्षक के मनमानी के कारण बच्चों की जान को जोखिम में डाला जा रहा है. इस तरह का चावल बनाना बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. वही विद्यालय के छात्र कुंजिका कुमारी, आशा कुमारी, आरती कुमारी, प्रिया कुमारी, मौसमी कुमारी, राधिका कुमारी, राम किस्कु, कॉर्नेल किस्कु के अलावे अन्य छात्रों ने बताया कि बीते शुक्रवार से विद्यालय में सड़ा हुआ चावल का मध्यान भोजन बनाया जा रहा है. खाने से इनकार करने पर उन लोगों को घर जाने पर मना कर दिया जाता था. जबरन उन लोगों को मध्यान भोजन खिलाया जाता था. बच्चों का कहना है कि सड़ा हुआ चावल खाने पर हल्का-फुल्का पेट दर्द का भी शिकायत हुआ था. वहीं सहायक शिक्षक ने बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब रहने के कारण तीन दिनों तक छुट्टी पर थे. वह मंगलवार को विद्यालय पहुंचे थे. इसमें उनकी कोई कसूर नहीं है.

अभिभावकों ने विद्यालय के प्रधान शिक्षक के खिलाफ आरोप लगाया है कि शिक्षक के द्वारा विद्यालय प्रबंधन समिति को कोई मायने नहीं दिया जाता है. किसी भी तरह का कार्य अपने मन से किया जाता है. ग्रामीण एवं अभिभावकों ने इस मामले को लेकर वरीय अधिकारी को जांच कर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

गांव के चौकीदार के खिलाफ अभिभावकों ने थाना में शिकायत.

वही खराब चावल खिलाने के प्रदर्शन के दौरान गांव के ही चौकीदार संध्या कुमारी के द्वारा अभिभावकों के तू- तू मैं- मैं हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि इस घटना के बाद चौकीदार विद्यालय पहुंचकर ग्रामीणों को ही उल्टा धमकाते हुए कहने लगी कि यही सड़ा हुआ चावल खिलाया जाएगा. अगर यह चावल खराब है तो अपने-अपने घर से चावल मध्यान भोजन बनाने के लिए भेज दे. इसी बात को लेकर ग्रामीण एवं महिला चौकीदार के खिलाफ जमकर हंगामा होने लगा. ग्रामीणों ने थाना प्रभारी महिला चौकीदार के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए कहा कि इस दौरान महिला चौकीदार ने ग्रामीणों को करने के लिए थप्पड़ भी उठाई, जो की सरासर गलत है. थाना प्रभारी में ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी इसके बाद ग्रामीण अपने घर लौट गए.

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