
कौन बनेंगे भारत के नए उपराष्ट्रपति ? राधाकृष्णन या सुदर्शन, अभी खुद ही जान लीजिए आंकड़ों से
सित. 8
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न्यूज डेस्क
रांची ( RANCHI) : भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को सुबह 9 बजे मतदान आरंभ हो जाएगा, जो शाम 5 बजे तक चलेगा, उसके बाद शाम 6 बजे से मतों की गिनती शुरू हो जाएगी. कुछ देर बाद परिणाम भी आ जाएंगे. मतलब अभी से ठीक 24 घंटे बाद भारत के नए उपराष्ट्रपति का चयन कर लिया जाएगा.
एनडीए के राधाकृष्णन और इंडिया के सुदर्शन के बीच सीधा मुकाबला
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भाजपा और उसके सहयोगी दल के ( एनडीए) के संयुक्त उम्मीदवार हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी विपक्षी इंडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार है. दोनों के बीच सीधा मुकाबला है. दोनों दक्षिण के दो अलग-लग राज्य से आते हैं. राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं, जबकि रेड्डी तेलंगाना से. मतदान में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) भाग लेते हैं. दोनों में कुल 786 सदस्य हैं, जिसमें राज्यसभा के 233 निर्वाचित (5 रिक्त), 12 मनोनीत और लोकसभा के 543 निर्वाचित (1 रिक्त) शामिल हैं. जीत के लिए 394 वोटों की जरूरत है.

आंकड़ों से जानिए किसके पास कितना वोट
उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी है और आंकड़ें देख कर साफ है कि पराष्ट्रपति का चुनाव एनडे के पक्ष जाएगा. लोकसभा में 542 सदस्य सदन में हैं. एनडीए के 293 सदस्य हैं, जिसमें भाजपा के 240, टीडीपी के 16, जदयू के 12, शिवसेना ( शिंदे गुट) के 7 और अन्य सहयोगी शामिल हैं. राज्यसभा में अभी 240 सदस्य हैं, जिसमें एनडीए के 129 सदस्य हैं. कुल मिलाकर एनडीए के पास 422 वोट हैं, जो 394 के बहुमत से बहुत आगे हैं. वहीं इंडी गठबंधन के पास लगभग 300 वोट हैं, जिसमें कांग्रेस के 99, सपा के 37, टीएमसी के 22, डीएमके के 22, राजद के 5 और अन्य आप, सीपीआई एम जैसे शामिल हैं. वाईएसआरसीपी के 11 वोट एनडीए को मिलने की संभावना है. जबकि बीजद (7 राज्यसभा) और बीआरएस के 9 सांसद हैं, लेकिन दोनों पार्टियों ने चुनाव में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. 18 सांसदों का रुख अनिश्चित है.

राजनीति बनाम न्यायपालिका के बीच मुकाबला
इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है. राधाकृष्णन भाजपा संगठन के वफादार और विश्वसनीय चेहरे माने जाते हैं. वहीं दूसरी ओर, सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका में अपनी ईमानदार और निष्पक्ष छवि के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव राजनीति बनाम न्यायपालिका के बीच भी देखा जा रहा है.











