
मंत्री से क्यों नाराज हैं कोल्हान के आदिवासी ? घाटशिला के गांव-गांव में खोज रहे मानकी-मुंडा व मुखिया संघ,जानिए सबकुछ खबर में
नव. 7
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संवाददाता
चाईबासा ( CHAIBASA) : झारखंड के परिवहन मंत्री सह चाईबासा विधायक दीपक बिरूवा को खोजने के लिए आदिवासी समाज के लोग घाटशिला पहुंचे गए. इस दौरान दर्जनों वाहन से सैकड़ों लोग घाटशिला के विभिन्न गांव में मंत्री को खोजते रहे. साथ ही स्थानीय लोगों से मंत्री की जानकारी ली और मंत्री के कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दिया. ग्रामीणों को बताया गया कि चाईबासा के लोग काफी परेशानी और अनेकों समस्याओं से परेशान हैं. लेकिन मंत्री चाईबासा वासियों से नहीं मिलते हैं. कोई समस्याओं का समाधान भी नहीं कर रहे हैं. चाईबासा आदिवासी विभिन्न समुदाय के लोग सदर चाईबासा विधायक सह परिवहन मंत्री दीपक बिरूवा को खोजने के लिए सुरदा क्रॉसिंग, मुसाबनी, जादूगोड़ा के कई गांव में गए. लेकिन मंत्री कहीं भी नहीं मिले, दिनभर खोजते रहे निराश हो गए. लोगों ने कहा कि खोज लगातार जारी रहेगा.
मंत्री के कारण नहीं लगाया गया नो इंट्री
आदिवासी समाज के द्वारा घाटशिला के कोर्ट के पास प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जहां आदिवासी समाज के लोगों ने मंत्री को मंत्री मंडल से बर्खास्त करने का मांग की. साथ ही दीपक की जगह किसी और आदिवासी विधायक को मंत्री बनाने की मांग की. ताकि आदिवासी समाज का विकास किया जा सके. इस दौरान समाज की समस्याओं और मंत्री दीपक बिरुआ से हो रही परेशानियों से लोगों को बताया गया. बताया कि मंत्री को खोजने के दौरान जेएमएम कार्यकर्ताओं और पुलिस के द्वारा जगह जगह परेशान किया जा रहा था. यहां तक कि धमकी भी दी जा रही थी.लोगों को बताया गया कि चाईबासा बायपास में मंत्री दीपक बिरुआ के कारण नो इंट्री नहीं लग रहा है. आए दिन दुर्घटना से कई लोग मर रहे हैं. लेकिन मंत्री कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इस लिए मंत्री दीपक बिरुआ से सतर्क रहें.

लापता मंत्री को खोजने में ये थे शामिल
लापता झारखंड के मंत्री सह चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ को खोजने के लिए मानकी मुंडा संघ के पदाधिकारी, हो महासभा के केंद्रीय उपाध्यक्ष बामिया बारी, सेवानिवृत्त संगठन के अध्यक्ष रामाय पूर्ति, सचिव चंद्रमोहन बिरुआ, मुखिया संघ के अध्यक्ष हरिन तामसोय, वरीय उपाध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र बोईपाई, ईचा खरखाई बांध संघ के सचिव सुरेश सोय, साधु बानरा, रियांस सामद सहित दर्जनों वाहन से विभिन्न आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग पहुंचे.











