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भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ क्यों की जाती है वाहन,मशीन,औजार की पूजा, क्या है पूजन विधि, जानिए खबर में

सित. 16

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न्यूज डेस्क

रांची ( RANCHI) : भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और रचना का देवता माना जाता है. उन्हें सृष्टि के पहले निर्माणकर्ता और वास्तुकार के रूप में जाना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, महल और नगरों का निर्माण किया. महाभारत काल की द्वारका नगरी, लंका, इंद्रप्रस्थ, और भगवान शिव के त्रिशूल का निर्माण भी उन्होंने ही किया था.

विश्वकर्मा पूजा उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का प्रतीक है. इस दिन लोग अपने औजारों, मशीनों, और कार्यस्थल की पूजा करते हैं. यह पूजा न केवल भौतिक समृद्धि बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी लाती है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग पूरी श्रद्धा से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं, उनके व्यवसाय में कभी कोई रुकावट नहीं आती और हमेशा लाभ होता है.

 

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विश्वकर्मा पूजा में वाहन,मशीन-कारखाना,औजार की होती है पूजा

 विश्वकर्मा पूजा के दिन दुकानों, कारखानों और कार्यलायों में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित की जाती है और पूजा स्थल को फूलों से सजाया जाता है.  इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ ही कारखानों में इस्तेमाल होने वाली मशीनों-औजारों की भी पूजा करते हैं. 

कई जगह इस दिन वाहन और हाथी की पूजा भी की जाती है.

विश्वकर्मा पूजा करने वाले भक्तों को भोर में स्नान करके शुद्धि करनी चाहिए. इसके बाद, उन्हें दैनिक उपयोग की मशीनों, औजारों और उपकरणों को साफ करना चाहिए. कई जगह पर इस दिन भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों को सुंदर पंडालों में स्थापित किया जाता है, जहां मुख्य अनुष्ठान संपन्न होते हैं. विश्वकर्मा पूजा संपन्न होने के बाद, सभी के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है. इस दिन कुछ क्षेत्रों में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. 

ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा पूजा

सबसे पहले भगवान विश्वकर्मा के साथ भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें. उन्हें कुमकुम, अक्षत, फूल, फल, गुलाल, मिठाई, सुपारी, धूप, रक्षासूत्र, दही इत्यादि चीजें अर्पित करें. पूजा स्थल पर जल से भरा कलश भी जरूर रखें.

भगवान विश्वकर्मा को पुष्प अर्पित करें. उन्हें तिलक और अक्षत लगाएं.

कलश पर भी रोली और अक्षत लगाएं. फिर 'ॐ श्री सृष्टनाय सर्वसिद्धाय विश्वकर्माय नमो नमः' या 'ॐ विश्वकर्मणे नमः' मंत्र का जाप करें और भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना करें.इसके बाद मशीनों और औजारों पर भी तिलक और अक्षत लगाएं. साथ ही फूल भी चढ़ाएं. इसके बाद मिठाई का भोग लगाएं और सभी मिलकर भगवान विश्वकर्मा की आरती करें. आरती के बाद सभी में प्रसाद वितरित करें.

 

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