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सांतवें दिन करें मां कालरात्रि की पूजा, नकारात्मक शक्तियों का करती है रक्षा

सित. 29

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 रांची ( RANCHI) : इस बार नवरात्रि की तिथियों को लेकर काफी कन्फ्यूजन चल रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस साल नवरात्रि पर्व नौ की जगह दस दिन मनाया जा रहा है. बता दें इस साल चौथा नवरात्र दो दिन पड़ा था. इसलिए 28 सितंबर को भले ही नवरात्रि पर्व का सातवां दिन हो लेकिन इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप की ही पूजा की जाएगी.

मां दुर्गा जी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं. मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी भी कहा जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व होता है. देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत उग्र और भयावह है, लेकिन वे भक्तों के सभी प्रकार के भय को नष्ट करने वाली हैं. इनकी साधना करने से साधक के जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है. देवी कालरात्रि दुष्ट आत्माओं, राक्षसों और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं, इस कारण उन्हें "शुभंकारी" भी कहा जाता है.

मां कालरात्रि को गुड़ और चने का भोग लगाना शुभ माना जाता है.

मां को शहद का भोग भी अर्पित किया जा सकता है.

गुड़ और चने का भोग लगाने से शोक और कष्ट दूर होते हैं 

मां कालरात्रि का शुभ रंग नीला या ग्रे है.

मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करना भी शुभ माना जाता है. 

मां कालरात्रि की पूजा से भक्तों को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्राप्त होता है.

मां कालरात्रि भक्तों की काल से रक्षा करती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

मां की पूजा से भूत, प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.

 

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